दानापुर से RJD के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव को पटना उच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। पटना हाईकोर्ट ने चर्चित सत्यानारायण सिन्हा हत्याकांड में राजद विधायक रीतलाल यादव को बरी करने करने का आदेश निरस्त कर दिया। सिविल कोर्ट की विशेष एमपी—एमएलए अदालत ने इस मामले में उन्हें बरी कर दिया था। पटना हाईकोर्ट के आदेश पर इस बहुचर्चित हत्याकांड की स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई हुई थी। लेकिन अब हाईकोर्ट ने सिविल अदालत के बरी वाले उस आदेश को निरस्त करते हुए इस मर्डर केस में फिर से सुनवाई करने का आदेश दिया है। मामला दानापुर की पूर्व विधायक आशा सिन्हा उर्फ आशा देवी के पति और भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा के मर्डर से जुड़ा है।
रीतलाल के चुनाव लड़ने पर लग सकता है ग्रहण
पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब RJD विधायक रीतलाल यादव के खिलाफ यह बहुचर्चित मर्डर केस स्पीडी ट्रायल के तहत फिर से सुनवाई के लिए खुल जाएगा। इस हत्याकांड में रीतलाल यादव के साथ कुछ अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था। अब अदालत की नई सुनवाई से यह स्पष्ट होगा कि आरोपियों पर किस हद तक अपराध साबित होता है। इस मामले में 2023 में निचली अदालत ने विधायक रीतलाल समेत अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। यह भी गौर करने की बात है कि इस समय बिहार में चुनाव सिर पर है और हाईकोर्ट ने विधायक रीतलाल यादव को तगड़ा झटका दे दिया है। ऐसे में उनकी चुनावी मैदान में उतरने पर ग्रहण लग सकता है।
क्या है सत्यनारायण मर्डर केस का मामला
30 अप्रैल 2003 को पटना के खगौल इलाके में सत्यनारायण सिन्हा अपने निजी गाड़ी से कहीं जा रहे थे। इस दौरान दिनदहाड़े कुछ लोगों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं जिसके बाद उनकी मौत हो गई। इस हत्याकांड में चार लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था, उनमें से एक दानापुर से आरजेडी के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव थे। हालांकि इस मामले में रीतलाल यादव की गिरफ्तारी नहीं हुई और उन पर केस चलने लगा। साल 2010 में रीतलाल यादव ने सरेंडर कर दिया। रीतलाल के सरेंडर करने का मुख्य कारण चुनाव लड़ना बताया जा रहा था। 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में रीतलाल यादव ने जेल से ही दानापुर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और हार गए। उनके खिलाफ आशा देवी चुनाव लड़ रही थीं, जो सत्यनारायण सिंहा की पत्नी थीं। उसके बाद साल 2020 के अगस्त महीने में रीतलाल यादव को जमानत मिली और इसी साल आरजेडी टिकट पर वो चुनाव जीतकर बिहार विधानसभा का सदयस्य बने।