बिहार की अति पिछड़ी आबादी को लुभाने के लिए इंडिया गठबंधन और नीतीश नीत एनडीए गठबंधन में होड़ शुरू हो गई है। आज बुधवार को जहां महागठबंधन पटना में अति पिछड़ा न्याय संकल्प सम्मेलन आयोजित कर रहा है जिसमें अति पिछड़ी जातियों यानी ईबीसी के लिए घोषणापत्र जारी किया जाएगा, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज अखबारों में विज्ञापन के जरिये अपनी सरकार द्वारा ईबीसी वर्ग के लिए किये गए कामों की सूची जारी कर दी है। महागठबंधन के सम्मेलन में कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक के बाद राहुल गांधी भी शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक इंडिया गठबंधन एससी,एसटी एक्ट की तर्ज पर बिहार में अति पिछड़ा अत्याचार निवारण एक्ट लागू करने का वादा करेगा। इसके अलावा सरकार बनने पर नगर निकाय और पंचायत चुनाव में ईबीसी आरक्षण मौजूदा बीस से बढ़ाकर तीस फीसदी करने का ऐलान भी महागठबंधन की तरफ से किया जाएगा।
वहीं महागठबंधन के इस दांव को पहले ही भांपते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज के अखबारों में विज्ञापन के जरिए खुद को ओबीसी और ईबीसी का रहनुमा साबित करने के लिए अपने शासन के दौरान इस वर्ग के लिए अब तक किये गए कामों की सूची जारी कर दी। नीतीश राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। वे महागठबंधन की इस चाल को पहले ही भांप गए और अखबारों में दिये अपने विज्ञापन में पिछले 20 सालों में ओबीसी और ईबीसी के लिए किये गए काम को सार्वजनिक रूप से जनता के सामने रख दिया। इसमें उन्होंने पंचायत में आरक्षण से लेकर कई सरकारी योजनाओं का जिक्र किया है। दरअसल, बिहार में सत्ता की चाबी ओबीसी और ईबीसी के हाथों में ही मानी जाती है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी ये वर्ग करीब-करीब एनडीए के साथ रहा था। इसलिए नीतीश ने विज्ञापन देकर यह नया दांव चला है।
दरअसल बिहार की कुल आबादी की करीब 36 फीसदी लोग ईबीसी समाज में आते हैं। इस वोट बैंक पर नीतीश कुमार का जबरदस्त प्रभाव रहा है। बीते कई सालों से बीजेपी भी इस समाज के कई नेताओं को आगे बढ़ा कर आरजेडी के मुस्लिम–यादव के सामने अगड़ा–अति पिछड़ा समीकरण तैयार करने की कोशिश कर रही है। आरजेडी–कांग्रेस को भी लगता है कि सत्ता का रास्ता बिना ईबीसी के पूरा नहीं हो सकता। ऐसे में कांग्रेस और राजद ने ईबीसी वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए ईबीसी एक्ट लाने का वादा करने की तैयारी कर ली। इसके अलाव एनडीए के किले में सेंध लगाने के लिए आरजेडी और कांग्रेस ने टिकट बंटवारे में भी ईबीसी को प्राथमिकता देने की बात कही है। यहां तक कि महागठबंधन अब ईबीसी के लिए अलग से घोषणापत्र जारी करने जा रहा है। इस कार्यक्रम में राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी और सीपीआई एमएल सांसद सुदामा प्रसाद भी मौजूद रहेंगे। महागठबंधन के इसी दांव को राजनीति के माहिर खिलाड़ी नीतीश ने पहले ही भांप लिया और ईबीसी के अपने वोटबैंक को इंटैक्ट रखने के लिए विज्ञापनों के जरिये अपने द्वारा इनके लिए किये गए कामों को सामने रख दिया।