निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की एक टीम ने आज गुरुवार को कैमूर तथा बेगूसराय में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो अलग—अलग मामलों में दो भ्रष्ट अफसरों को दबोच लिया। पहली कार्रवाई में निगरानी टीम ने पॉलिटेक्निक कॉलेज, मछनहट्टा (मोहनिया) के प्रिंसिपल डॉ. अजय कुमार को 60 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। निगरानी डीएसपी विप्लव कुमार ने बताया कि कॉलेज के एक प्रोफेसर ने आरोप लगाया था कि उनका मार्च से लंबित वेतन निकालने के एवज में प्रिंसिपल 60 हजार की रिश्वत मांग रहे थे। इस मामले में निगरानी थाना कांड संख्या 82/25 दर्ज की गई थी। जांच में शिकायत सही पाई गई जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। इसके बाद डीएसपी विप्लव कुमार के नेतृत्व में करीब 10 सदस्यीय टीम गठित की गई। गुरुवार को छापेमारी कर प्रिंसिपल को उनके कार्यालय कक्ष से रिश्वत लेते हुए दबोच लिया गया। निगरानी टीम की इस कार्रवाई के बाद कैमूर में हड़कंप मच गया है।
वहीं दूसरी घटना में बेगूसराय जिले के डंडारी अंचल में पदस्थापित अंचल अधिकारी राजीव कुमार को निगरानी विभाग की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई विनय कुमार चौरसिया नामक व्यक्ति की शिकायत पर की गई जिसमें CO द्वारा सरकारी काम के बदले दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप था। विनय कुमार चौरसिया ने निगरानी विभाग को शिकायत संख्या 625/825 के तहत आवेदन दिया था। सत्यापन के बाद निगरानी विभाग की विशेष टीम ने जाल बिछाकर डंडारी अंचल कार्यालय में छापेमारी की और राजीव कुमार को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। साथ ही उनके दो सहयोगी डाटा ऑपरेटर कर्मियों को भी हिरासत में लिया गया है।
इन कार्रवाइयों के बाद कैमूर के भ्रष्ट प्रिंसिपल और बेगूसराय में डंडारी के अंचल अधिकारी, दोनों को निगरानी टीम अपने साथ पटना लेकर चली गई जहां दोनों को विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। विभाग के अधिकारियों के अनुसार पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और पूरे मामले की गहन जांच जारी है। यह कार्रवाई राज्य सरकार और निगरानी विभाग द्वारा भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने के प्रयासों का हिस्सा है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में भ्रष्टाचार से जुड़े अन्य मामलों पर भी कार्रवाई की जाएगी।