नवादा : व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला जज शिल्पी सोनी राज ने पक्षकारों के साथ मिलकर दीप प्रज्जवलित किया। जबकि, न्यायिक पदाधिकारी धनंजय कुमार सिहं, उपेन्द्र कुमार, जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश, पुलिस अधीक्षक अभिनव धीमान तथा प्राधिकार के सचिव धीरेन्द्र कुमार पांडेय के द्वारा भी दीप प्रज्जवलित किये जाने के बाद अदालत की कारवाही शुरू हुई।
इस अवसर पर जिला जज शिल्पी सोनी राज ने कहा कि आज के आयोजित हो रहे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अदालत पहुंचने वाले पक्षकार है, जिनका हमसब स्वागत करते हैं। इस अदालत में फैसला करने के लिये कोई जज नही होता है। सभी बेंचों पर मौजूद न्यायिक पदाधिकारी व अधिवक्ता उन पक्षकारों के सहयोग के लिये उपस्थित रहते हैं। इस अदालत से न्याय इन्सटैंट कॉफी की तरह त्वरित मिलता है। वहीं जिला पदाधिकारी ने कहा कि लोक अदालत पंच परमेश्वर पर आधरित न्याय व्यवस्था है। सुगम न्याय के लिये ग्राम कचहरी में सुनवाई योग्य मामलों को भेजे जाने के लिए पहल की जा रही है।
अदालत से त्वरित व स्थाई न्याय मिलता है। जिला प्रशासन सदा सहयोग के लिये तत्पर रहता है। पुलिस अधीक्षक ने पक्षकारों से इस अदालत का लाभ लेने का अनुरोध किया तथा कहा कि प्राधिकार के द्वारा निर्गत सभी नोटिसों का तामिल ससमय किया गया, ताकि पक्षकारगण इस अदालत का लाभ ले सकें। प्राधिकार के पूर्व सचिव व पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मनीष द्विवेदी ने इस अदालत पर प्रकाश डालते हुए बैंककर्मी को उदार नीति के साथ ऋण समझौता करने पर बल दिया। आयोजित कार्यक्रम का मंच संचालन न्यायकर्ता प्रतीक सागर ने किया।
कितने मामलों का हुआ निपटारा
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव धीरेन्द्र कुमार पांडेय ने बताया कि आयोजित अदालत में कुल 1039. मामलों को आपसी सुलह के आधार पर निपटाया गया। जिला अंतर्गत विभिन्न बैंकों ने 613 कर्जदारों के साथ समझौता किया। इसके तहत विभिन्न बैंकों ने कर्जदारों से समझौता के तहत एक करोड़ 39 लाख 7 हजार 468 रूपये प्राप्त किया। पंजाब नेशनल बैंक ने 300, स्टेट बैंक 124, डीबीजीबी 101, बैंक ऑफ इंडिया 33, यूबीआई बैंक 22, इंडियन बैंक ने 11, सेन्ट्रल बैंक 12, बैंक ऑफ़ बड़ोदा 7, यूको बैंक 2 तथा सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने एक कर्जदारों के साथ समझौता किया।
वही व्यवहार न्यायालय स्थित विभिन्न अदालतों लम्बित 343 मामलों को भी सुलह के आधार पर निपटाया गया। इस सुलह के तहत मोटर वाहन दुर्घटना दावा वाद के एक, बीएसएनल 6, माप एवं तौल अधिनियम के 20 तथा वन अधिनियम के 5 मामलों को निपटाया गया। विद्युत विभाग के 7 मामलों में विपत्र सुधार किया गया। जबकि, निलाम वाद के 64 मामलों को आपसी सुलह के आधार पर निपटाया गया।
पुराने मामलों को निपटाने के बाद पक्षकार दिखे खुश
आयोजित अदालत में कुछ पुराने मामलों के पक्षकारगण ने भी अपनी स्वेच्छा से सहमति के आधार पर निपटा लिया। कांड के पक्षकारगण मुकदमों को समझौता के आधार पर निपटाने के बाद कहा कि अब अदालत का चक्कर नही लगाना पडेगा। लोक अदालत के प्रचार-पसार ने हम सबों को जागरूक किया, जिनमें से परिवादपत्र संख्या-1067/99, हिसुआ थाना कांड संख्या-17/03, कौआकोल थाना कांड संख्या- 63/11, अकबरपुर 83/11, अकबरपुर थाना कांड संख्या-111/09, हिसुआ थाना कांड संख्या-125/10, पकरीबरावां थाना कांड संख्या-113/07, वारिसलीगंज थाना कांड संख्या-82/09 तथा रजौली थाना कांड संख्या-30/06 के पक्षकारगण ने स्वेच्छा से समझौता कर लिया।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सबों को दिया धन्यवाद
राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष शिल्पी सोनी राज ने मामलों के पक्षकारों सहित जिला प्रशासन, अधिवक्तागण तथा न्यायिक पदाधिकारी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सबों के सहयोग से यह कार्यक्रम सफल रहा।
कौन-कौन न्यायिक पदाधिकारियों ने किया सहयोग
लोक अदालत में न्यायिक पदाधिकारी धनंजय कुमार सिहं, उपेन्द्र कुमार, सुभाषचन्द्र शर्मा, मनीष द्विवेदी, आशुतोष खेतान, विकास झा, राहुल किशोर, आशीष रंजन, लक्ष्मीनाथ, अरविंद कुमार, प्रतीक सागर, सोनल सरोहा, अनिता कुमारी, निखिल कुमार, आदित्या आनन्द तथा मो कमरूजमा ने भरपुर सहायोग किया।
पक्षकारों का रखा गया ख्याल
लोक अदालत पहुंचे पक्षकारों को जानकारी देने के लिए दो केन्द्र बनाये गए थे, जहां से जानकारी प्राप्त कर पक्षकार अपने बेंच पर पहुंचते देखे गये। पेयजल, एम्बुलेंस एवं सुरक्षा की व्यवस्था भी देखी गई।
प्रधान जिला जज ने भ्रमण कर लिया जायजा
प्रधान जिला जज ने अदालत की कार्यवाही के समय सभी बंेच पर पहुंचकर अदालत के कार्यो का जायजा लिया तथा वहां रहे पक्षकार से भी मिलें। निरीक्षण के दौरान सम्बंधित पदाधिकारी को कई आवश्यक निर्देश भी दिये तथा निष्पादित किये गये मामलों की भी जानकारी ली।
सोनल सरोहा ने किया सबसे अधिक मामलों का निपटारा
न्यायिक दंडाधिकारी सोनल सरोहा ने कड़ी मेहनत कर 70 मामलों का निपटारा समझौता के आधार पर किया। मामलों को निपटाने में प्रतिनियुक्त अधिवक्ता उजमा नसीम की भी अहम भूमिका रही। इस अदालत में 15 वर्षों से अधिक पुराना कई मामलों को सुलह के आधार पर निपटाया गया।
इनका भी अदालत में रहा सहयोग
सम्पन्न हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रतिनियुक्त अधिवक्ता हरिशंकर प्रसाद सिन्हा, विजय कुमार सिन्हा, आशुतोष कुमार, रतन कुमार, गोरे लाल प्रसाद सिहं, डॉ संजय कुमार मिश्रा, निरंजन कुमार, सनत कुमार देव, निशा गुप्ता, रामअनुग्रह प्रसाद, सतीष कुमार, उजमा नसीम, पुष्प पवन दिक्षित, मदन पांडेय, कौशलेन्द्र कुमार तथा महेश्वर प्रसाद के अलावा प्राधिकार के कर्मी राकेश कुमार, सुशील कुमार, कुनाल कुमार, राम अखिलेश पासवान, मो अली सब्बीर हसनैन, दिवाकर कुमार, अनित कुमार एवं पीएलभी चन्द्रमौली शर्मा की अहम भूमिका रही।