पश्चिम चंपारण के गौनाहा प्रखंड के मटियारिया थाना क्षेत्र स्थित सोनबरसा गांव में बीती देर शाम एक बाघ ने खेत में मवेशी चरा रही महिला पर हमला कर दिया और उसे जिंदा ही चबा गया। बताया जाता है कि बाघ गांव से सटे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) के गोबर्धना जंगलों से निकलकर अचानक खेतों की तरफ आ गया था। वहां उसने मवेशी चराने गई 60 वर्षीय उमछी देवी पर हमला कर दिया और उनकी जान ले ली। वन रक्षकों को मौके से महिला के पैर की महज अंगुलियां ही साबूत मिल पाईं। उसके बाकी शरीर को बाघ ने निवाला बना लिया था।
जानकारी के अनुसार कल देर शाम को सोनबरसा गांव निवासी खेलावन महतो की पत्नी उमछी देवी मवेशियों को चराने के लिए गांव से आधा किमी दूर द्वारदह नदी के पास स्थित खेतों की तरफ गई थीं। इसी दौरान किसी समय जंगल से एक बाघ वहां आया और उसने अचानक उमछी देवी को दबोच लिया। आसपास मवेशी चरा रहे लोगों ने यह मंजर देखा तो वे शोर मचाने लगे। लेकिन बाघ उमछी देवी को जंगल की ओर घसीटते हुए भाग गया। बाघ ने उमछी देवी को लगभग 200 मीटर तक घसीटा। महिला पर बाघ के हमले की सूचना के बाद पहुंची वनरक्षकों की टीम को घटनास्थल पर केवल उमछी देवी के फटे हुए कपड़े और एक पैर का हिस्सा ही मिला।
वनरक्षकों ने बताया कि शव का बाकी हिस्सा बाघ जंगल की ओर ले गया और संभवत: उसे अपना निवाला बना गया होगा। हमला तब हुआ जब उमछी देवी लगभग 4:30 बजे शाम के बाद सोनबरसा गांव से उत्तर बोटाहवा सेमर के पास द्वारदह नदी से सटे खेत में मवेशी चारा रही थी। उसी क्रम मे जंगल से निकल कर बाघ ने हमला बोल दिया तथा हमले मे उमछी देवी को चीड़-फाड़ कर अपना निवाला बना लिया। मृतक के परिजनों और गांव वालों ने इसके लिए वन विभाग द्वारा इलाके में गश्त नहीं लगाने को कारण बताया। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। मटियारिया थाना पुलिस और गोबर्धना रेंज के रेंजर सत्यम शर्मा के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची हुई है और वहां मिले बाघ के पंजों के निशानों का विश्लेषण किया जा रहा है। बाघ के हमले की इस ताजा घटना ने सोनबरसा और आसपास के गांवों में दहशत फैला दी है।