बिहार में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में EOU ने शिकंजा कसते हुए आज बुधवार को विधायकों के बॉडीगार्ड्स से पूछताछ शुरू कर दी। ये मामला जनवरी–फरवरी 2024 का है जब नीतीश कुमार ने राजद से नाता तोड़ एक बार फिर एनडीए का दामन थाम लिया था। इसके बाद विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हुआ और एनडीए सरकार ने बहुमत हासिल किया। लेकिन नई सरकार बनने के तुरंत बाद यह सामने आया कि विश्वास मत से पहले एनडीए के विधायकों को महागठबंधन के पक्ष में वोट करने के लिए 10 करोड़ रुपये और मंत्री पद का लालच दिया गया था। अब इसी मामले में आज बुधवार को ईओयू ने दो विधायकों के बॉडीगार्ड दीपक कुमार भारती और अवधेश कुमार से पूछताछ की।
इस मामले में आरोप है कि फ्लोर टेस्ट से पहले एनडीए विधायकों को महागठबंधन में शामिल करने के लिए करोड़ों का लालच दिया गया था। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इस मामले में जांच का दायरा बढ़ाते हुए अब विधायकों के बॉडीगार्ड्स (अंगरक्षकों) से भी पूछताछ शुरू कर दी है। इस मामले में JDU विधायक डॉ. संजीव ने 11 फरवरी 2024 को पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया कि विधायकों को तोड़ने और उन्हें खरीदने की साजिश रची जा रही थी। मामले की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए जांच बाद में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) को सौंप दी गई, जो अब इस पूरे प्रकरण की तहकीकात कर रही है।
मालूम हो कि इस मामले में EOU ने पहले विधायकों और अन्य संदिग्धों से पूछताछ कर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई। अब ईओयू की यह जांच राजनीतिक सौदेबाजी में शामिल अन्य लोगों तक पहुंच रही है। अब तक EOU ने पूर्व विधायक बीमा भारती (राजद), बीजेपी विधायक मिश्रीलाल यादव, इंजीनियर सुनील, तथा अन्य से पूछताछ कर कई अहम जानकारियां जुटाई हैं। इसके बाद जांच का अगला चरण शुरू करते हुए EOU ने उनके अंगरक्षकों से भी पूछताछ की प्रक्रिया शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार, बीमा भारती के दो बॉडीगार्ड्स और मिश्रीलाल यादव के दो बॉडीगार्ड्स से पूछताछ पूरी हो चुकी है। पूछताछ में कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो विधायकों द्वारा दिए गए बयानों से मेल नहीं खाते।