पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में जेपी गोलंबर पर वाहन चेकिंग कर रहे दारोगा इजहार अली की नीयत उस वक्त डोल गई जब उसने एक बाइक सवार के बैग में 20 लाख के नोटों का बंडल देखा। नोटों का बंडल देख वह हेरफेर की कोशिश में लग गया। इसकी खबर किसी ने पटना एसएसपी को दे दी जिन्होंने दारोगा इजहार अली को तत्काल सस्पेंड कर दिया।दारागा पर आरोप है कि उसने नोटों की बरामदगी की रिपोर्ट थाने में नहीं की और युवक को ढाई घंटे तक रोके रखा। मामला सत्य पाए जाने पर एसएसपी ने दारोगा इजहार अली को वाहन चेकिंग के दौरान बरामद 20 लाख रुपये की रकम की हेराफेरी के सिलसिले में निलंबित कर दिया। दारोगा पर आरोप है कि उसने थाने और वरीय अधिकारियों को गलत जानकारी दी और कुल 17.50 लाख रुपये गायब कर दिए।
एसएसपी ने इस पूरी घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये हैं। मामला गांधी मैदान थाना क्षेत्र के जेपी गोलंबर के पास हुई। वहां पुलिस टीम वाहन चेकिंग कर रही थी, तभी एक बाइक सवार युवक को रोका गया। उसकी तलाशी में करीब 20 लाख रुपये बरामद हुए। बाइक सवार की पहचान किशोर राउत के रूप में हुई है जो मूल रूप से मधुबनी का रहने वाला है और फिलहाल पटना के बुद्धा कॉलोनी में रहता है। आरोप है कि दारोगा इजहार अली ने मौके से बरामद पूरी रकम की सही जानकारी थाने और वरीय अधिकारियों को नहीं दी। उन्होंने अपने वरीय अधिकारियों को बताया कि युवक के पास सिर्फ 2.50 लाख रुपये मिले हैं। शेष 17.50 लाख रुपये दारोगा ने हड़प लिए।
यही नहीं, दारोगा ने बाइक सवार किशोर राउत से सादे कागज पर लिखवा भी लिया कि उसके पास सिर्फ 2.50 लाख रुपये थे और वही रकम उसे वापस कर दी गई है। इसके बाद दारोगा इजहार अली ने युवक को छोड़ दिया। लेकिन किसी ने दारोगा की इस करतूत की सूचना वरीय अधिकारियों को दे दी जिसके बाद जांच जांच शुरू हुई। जांच में शुरुआती तौर पर यह स्पष्ट हुआ कि बरामदगी के आंकड़े और वसूली गई रकम में भारी अंतर है। जैसे ही आरोप पुख्ता हुए, एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने सब इंस्पेक्टर इजहार अली को तत्काल निलंबित कर दिया। पटना एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में पाया गया कि उन्होंने रकम छिपाने और इसकी रिपोर्ट थाने में नहीं देने की बात सामने आई है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि युवक के पास वास्तव में 20 लाख रुपये ही थे या इससे अधिक।