नवादा : सतत सुखाड़ क्षेत्र घोषित जिला लगातार हो रही बारिश से त्राहि-त्राहि कर रहा है। विकास- विनाश में तब्दील हो गया है। हालात यह है कि लोगों को नदी के बजाय मुहल्ले में नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। जिले में रेलवे से लेकर पंथों का विकास हुआ। लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवागमन में आसानी हुई, लेकिन रेलवे लाइन व पथों के निर्माण कई पैनों यहां तक कि पथ के किनारे से निकली पैनों का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया गया। ऐसे में पानी का बहाव अवरुद्ध होने से जगह जगह जल जमाव के कारण पास के घरों – मुहल्ले में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
समस्या ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित नहीं बल्कि नवादा नगर में भी है। समाहरणालय से लेकर सदर अस्पताल तक जल जमाव से जूझ रहा है। ऐसा बहरगइयां पैन पर अतिक्रमण कर भवन निर्माण के कारण हो रहा है। इसके साथ शासन प्रशासन से लेकर नवादा वासी समान रूप से जिम्मेदार हैं। जी हां! फिलहाल यहां हम बात कर रहे हैं नगर परिषद क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम की बदहाल स्थिति की। लगभग हर वार्ड में जल-जमाव की समस्या गंभीर होती जा रही है। लेकिन सबसे भयावह हालात वार्ड संख्या 41 अंतर्गत न्यू अंसार नगर मोहल्ले में देखने को मिल रहा है।
रेलवे लाइन और एनएच-20 के बीच बसे इस घनी आबादी वाले इलाके में जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है जिसके चलते मोहल्ले के लगभग 100 घरों के सामने जल-जमाव विकराल समस्या बना हुआ है। वार्ड पार्षद पति मो. तनवीर उर्फ लड्डन के अनुसार, रेलवे लाइन दोहरीकरण के बाद जल निकासी के सभी प्राकृतिक मुहानों को बंद कर दिया गया, जिससे बारिश के पानी का बहाव पूरी तरह रुक गया। पहले यह पानी रेलवे लाइन के किनारे बहते हुए शोभ नाले में जाकर मिल जाता था, लेकिन रास्ता अवरुद्ध होने से पूरा मोहल्ला जलमग्न हो चुका है।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि लोगों को अपने घर से निकलने के लिए जुगाड़ नावों का सहारा लेना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों ने मिलकर 5-6 अस्थायी नावें तैयार की हैं, जिनके माध्यम से दैनिक कार्यों के लिए आवागमन किया जा रहा है। बच्चों को स्कूल भेजने से लेकर रोजमर्रा की जरूरतों के लिए लोग इन्हीं नावों पर निर्भर हैं।
कुछ लोग इस असहज स्थिति से परेशान होकर अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेने को मजबूर हैं। मोहल्ले के सभी रास्ते पानी में डूब चुके हैं और प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर स्थायी जल निकासी व्यवस्था की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो स्थिति और भयावह रूप ले सकती है। कारण जिले में बारिश है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है।
भईया जी की रिपोर्ट