नीट पेपर लीक मामले में जेल में बंद मुख्य आरोपी संजीव मुखिया को कोर्ट ने जमानत दे दी है। पटना स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने नीट 2024 के पेपर लीक मामले में आरोपी संजीव मुखिया को ज़मानत देते हुए मामले में सीबीआई की तरफ से समय पर चार्जशीट दाखिल न करने को इसकी मुख्य वजह बताया है। सीबीआई ने संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया था। हालांकि सीबीआई ने कहा है कि संजीव मुखिया के खिलाफ जांच जारी रहेगी। संजीव मुखिया को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने पटना के सगुना मोड़ इलाके से गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने उसे चार दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी।
आरोपी संजीव मुखिया 1 मई 2025 से ही जेल में बंद था। 5 मई 2024 को देश भर में NEET की परीक्षा आयोजित की गई थी। इसी दौरान बिहार से लेकर झारखंड तक पेपर लीक हुआ था। पूरे मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की थी। इस मामले में अब तक 49 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और कई आरोप पत्र दाखिल किए हैं। इसी केस में अब मुख्य आरोपियों में शामिल संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया को सिविल कोर्ट परिसर स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। अदालत ने यह आदेश धारा 167 के प्रावधानों के तहत दिया है।
संजीव मुखिया की ओर से अदालत में दलील दी गई कि उनकी गिरफ्तारी के बाद विधि द्वारा निर्धारित 90 दिनों की अवधि बीत जाने के बावजूद सीबीआई ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया। अदालत में दोनों पक्ष, अभियोजन और संजीव मुखिया के वकीलों की लंबी सुनवाई हुई। न्यायाधीश ने तथ्यों और कानूनी प्रावधानों पर विचार करने के बाद धारा 167 के तहत जमानत देने का निर्णय सुनाया। बिहार एसटीएफ के मुताबिक संजीव मुखिया के बारे में पुख्ता सूचना मिली थी कि उसने एक प्रोफेसर के जरिए पेपर लीक कराया है। इसको लीक कराने के बाद वह छात्रों से 40-40 लाख रूप में डील कर रहा था। मूलरूप से नालंदा के नगरनौसा निवासी संजीव मुखिया का एक नाम लूटन मुखिया भी है। पहले यह नूरसराय हॉर्टिकल्चर कॉलेज में तकनीकी सहायक था। बाद में वह नौकरी छोड़ कर यह राजनीति में आ गया था।