नवादा : जिल के आंगनबाड़ी में भी बड़ा झोल है रे भाय। वैसे तत्कालीन डीएम फ़ैज़ अकरम ने भैया द्वारा पूछे गये सवाल पर कहा था इसे सुधारना मेरे वश से बाहर की बात है। मेरा वश चले तो योजना को ही बंद कर दूं। लगभग 35 वर्षों पूर्व कही गयी बातें आज भी यथावत है। डीपीओ द्वारा निरीक्षण में किये गये फर्जीवाड़े की दो खबरें प्रमाण के साथ सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तीसरा मामला सामने आया है।
ताजा मामला महिला पर्यवेक्षिकाओं के स्थानांतरण से जुड़ा है। जिले के दो महिला पर्यवेक्षिकाओं आशा किरण व प्रभावती कुमारी ने डीएम की आंखों में धूल झोंक गृह प्रखंड बदलकर होम प्रखंड में स्थानांतरण करवा लिया। फिलहाल दोनों नवादा सदर प्रखंड में कार्यरत हैं। जबकि दोनों मूल निवासी नवादा सदर प्रखंड की है। एक ने गृह प्रखंड पकरीबरावां तो दूसरे ने गृह प्रखंड अकबरपुर बता गृह प्रखंड में स्थानांतरण करवा लिया।
सबसे बड़ा सवाल जब इसके पूर्व दोनों का गृह प्रखंड नवादा सदर था तो फिर अचानक दोनों का गृह प्रखंड बदल कैसे गया? इस बावत जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने मुख्य सचिव से लेकर तमाम अधिकारियों के साथ लोक शिकायत निवारण न्यायालय में बाद दायर करा जानना चाहा है कि गृह प्रखंड बदलता भी है क्या? अगर नहीं तो ऐसा हुआ कैसे? इसके लिए जिम्मेदार कौन?
भईया जी की रिपोर्ट