मुख्यमंत्री नीतीश के गृह जिले नालंदा के पावापुरी में एक दिलदहला देने वाली घटना में एक कारोबारी ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों को जहर खिलाने के बाद खुद भी खुदकुशी की कोशिश की। इस घटना में जहां कारोबारी की हालत बेहद गंभीर है, जबकि उसकी पत्नी और तीनों बच्चों की मौत हो गई। गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कारोबारी की पहचान कपड़ा व्यवसायी धर्मेंद्र कुमार के रूप में की गई है। बताया जाता है कि कारोबारी धर्मेंद्र ने कर्ज और नुकसान से तंग आकर जान देने की मंशा से खुद के साथ-साथ अपनी पत्नी और तीन बच्चों को जहर खिला दिया। पत्नी और बच्चों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया जबकि पति की हालत वहां गंभीर बनी हुई है। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। देखते ही देखते अस्पताल में लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस फौरन मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई।
कर्ज देने वालों की प्रताड़ना से तंग हो उठाया कदम
पुलिसिया जांच में पता चला कि पीड़ित शख्स पर कर्ज का भारी बोझ था। उसे कर्जदार रोज—रोज प्रताड़ित किया करते थे। तंग आकर बीती रात को उसने खुद के साथ-साथ अपनी पत्नी और तीन बच्चों को सल्फास की गोली खिला दी। सबसे छोटे बेटे ने सल्फास की गोली खाने से मना कर लिया। इसलिए वह बच गया। मृतकों में धर्मेंद्र कुमार की पत्नी सोनी कुमारी, बेटी दीपा (12 वर्ष), बेटी अरिमा कुमारी (14 वर्ष) और बेटा शिवम (13 वर्ष) शामिल हैं। परिवार का सबसे छोटा बेटा सत्यम सुरक्षित है क्योंकि उसने जहर खाने से इनकार कर दिया था। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ।
परिवार के छोटे बेटे ने नहीं खाया जहर, बच गई जान
घटना के एकमात्र चश्मदीद गवाह छोटे बेटे सत्यम ने पुलिस को बताया कि पिता ने सभी को सल्फास की गोलियां खिलाई थीं। पापा ने मां, दो बहनों और भाई को जहर खिला दिया। मुझे भी खाने के लिए दिया था, लेकिन मैंने मना कर दिया। घटना की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जहर खाने के बाद तड़पती हुई सोनी कुमारी ने बादशाह कोचिंग सेंटर के संचालक मधुरंजन को फोन कर कहा था कि हमने जहर खा लिया है, मेरे छोटे बेटे का पालन-पोषण कर दीजिएगा।
शेखपुर निवासी धर्मेंद्र के लिए पांच लाख का कर्ज
शेखपुरा के पुरनकामा सिक्करपुर गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार पिछले छह महीनों से पावापुरी में जलमंदिर के पास किराए के मकान में रह रहा था। वह श्री काली मां साड़ी सेंटर नाम की दुकान चलाता था। पहले वह राजमिस्त्री का काम करता था, लेकिन कपड़े के कारोबार में नुकसान के कारण पांच लाख रुपए का कर्ज हो गया था। स्थानीय साहूकारों से लिए गए इस कर्ज का बढ़ता दबाव और प्रताड़ना इस त्रासदी का मुख्य कारण बना। छोटे बेटे ने बताया कि शिकरपुर गांव के कुछ लोग ब्याज की रकम नहीं मिलने पर उनके माता-पिता को गाली देते थे। रामू नामक एक युवक तो घर आकर गाली-गलौज करता रहता था। स्थानीय लोगों का कहना है कि शुक्रवार को गांव में काली मंदिर की स्थापना दिवस पर पूजा-अर्चना हो रही थी। मंदिर से कुछ दूरी पर धर्मेंद्र कुमार ने अपने परिवार को जहर दिया, जिससे सभी मौके पर ही गिरकर तड़पने लगे। पुलिस ने बताया की धर्मेंद्र कुमार ने व्यवसाय के लिए स्थानीय साहूकारों से कर्ज लिया था। वह परिवार को प्रताड़ित कर रहे थे। इससे तंग आकर पूरे परिवार ने सल्फास खाया है।