नवादा : जिला पशुपालन विभाग में लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) टीकाकरण की शुरुआत पशुपालन पदाधिकारी डॉ दीपक कुमार कुशवाहा ने दीप प्रज्वलित कर की। इस दौरान पशु शल्य चिकित्सक डॉ संजय कुमार, डॉ श्रीनिवास कुमार शर्मा, डॉ सुधीर कुमार, डॉ प्रेम प्रकाश आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत के दौरान जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ दीपक कुशवाहा ने बताया कि जिले के सभी 14 प्रखंडों में एलएसडी टीकाकरण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जिले में 323800 गायों का टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है, जबकि कुल 406363 गो जाति के पशु मौजूद हैं।
बताया कि एलसीडी से प्रभावित मुख्यतः गो जाति के पशु होते हैं इसलिए जिला पशुपालन विभाग के द्वारा गौ जाति के पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। लंपी स्किन डिजीज के विरुद्ध टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गयी है। जिले के सभी प्रखंडों में पशुपालन विभाग के कर्मी घर-घर जाकर इस अभियान को सफल बनाने में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिला पशुपालन विभाग के द्वारा यह सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है जिसमें पशुपालन विभाग की कमी घर-घर जाकर गायों का टीकाकरण करेंगे और उसे गायों को एलएसडी रोग से मुक्ति मिलेगी।
क्या होता है लंपी वायरस
लंपी स्किन डिजीज को ‘गांठदार त्वचा रोग वायरस’ भी कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक पशु से दूसरे पशु को होती है। आसान शब्दों में कहें तो संक्रमित पशु के संपर्क में आने से दूसरा पशु भी बीमार हो सकता है। डॉक्टर्स की मानें तो मच्छर के काटने और खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए यह बीमारी मवेशियों को होती है।
टीकाकरण में 192 कर्मी होंगे शामिल
जिले में चलाये जा रहे टीकाकरण में 192 प्राइवेट टीकाकर्मी शामिल होंगे। दिये गये विभागीय जानकारी के अनुसार जिले के सभी 14 प्रखंडों में 192 टीकाकर्मी के द्वारा 323800 गायों का टीकाकरण किया जायेगा। टीकाकरण के दौरान टीकाकर्मी घर-घर जाकर गायों का टीकाकरण करेंगे। जिले के सभी प्रखंडों में टीकाकरण को सफल बनाने के लिए प्रत्येक प्रखंड में नोडल पदाधिकारी नामित किए गए हैं, जबकि जिला स्तर पर जिला नोडल पदाधिकारी के रूप में श्रीनिवास कुमार शर्मा को नामित किया गया है।
रोग की कैसे करे पहचान
एलएसडी एक गंभीर बीमारी है। लंपी स्किन डिजीज ज्यादातर गायों में पायी जाती है। लंपी स्किन डिजीज होने पर प्रभावित पशु के शरीर पर गोल गोल चकते, ठोस गड्ढे विकसित हो जाते हैं। यह अक्सर सिर, गर्दन, एवं पूरे शरीर पर गड्ढे विकसित हो जाता है। यह एक पशु से दूसरे पशु तक फैलने वाला संक्रामक एवं जानलेवा बीमारी है।
प्रखंडों में टीकाकरण का लक्ष्य
प्रखंड का नाम टीकाकरण का लक्ष्य नवादा नगर 1800नवादा शहर 18200 नारदीगंज 16800 नरहट 13200हिसुआ 28700मेसकौर 24800सिरदला 38700रजौली 33700अकबरपुर 33000गोविंदपुर 20700रोह 18700कौवाकोल 27000पक़रीबरावा 22200काशीचक 6700वारिसलीगंज 19600 कुल 323800
लंपी स्किन डिजीज के लक्षण
-संक्रमित पशु को बुखार आना-पशुओं के वजन में कमी-आंखों से पानी टपकना-लार बहना-शरीर पर दाने निकलना-दूध कम देना-भूख न लगाना
लंपी स्किन डिजीज से बचाव
-संक्रमित पशु को अलग रखें -तबेले की साफ सफाई रखें.-मच्छरों को भगाने के लिए स्प्रे करें-संक्रमित पशु को गोट पॉक्स वैक्सीन लगवाएं. -पशुओं को चिकित्सक की सलाह पर दवा दे सकते हैं।
कहते हैं अधिकारी
जिला पशुपालन पदाधिकारी दीपक कुमार कुशवाहा ने कहा कि टीकाकरण प्रत्येक प्रखंडों के हर एक गांव में जाकर टीका कमी टीकाकरण कर रहे हैं। पशुपालक अपने-अपने पशुओं का टीकाकरण अवश्य कराये। पशुपालन विभाग के द्वारा यह टीकाकरण निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। डॉक्टर के द्वारा दिए गए उपायों का पालन करें। किसी भी तरह की परेशानी होने पर पशु चिकित्सक से तुरंत सलाह ले।
भईया जी की रिपोर्ट