अरवल – अंसार वेलफेयर सोसाइटी अरवल की एक बैठक सोसाइटी के जिलाध्यक्ष एडवोकेट निसार अख्तर अंसारी की अध्यक्षता में जिला मुख्यालय में हुई. जिसमें वर्तमान राजनीतिक स्थितियों पर चर्चा किया गया और अपने हक और अधिकार के लिए मुखर रूप से आवाज उठाई गई।
बैठक में महागठबंधन से यह मांग किया गया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव हमें सिर्फ मुसलमान मान कर मुसलमानों के सिर्फ अगड़ी जातियों को टिकट देने का काम नही किया जाना चाहिए। बिहार के कुल आबादी में 18 प्रतिशत मुस्लिम आबादी में हम पसमांदा मुसलमान ही लगभग 15 प्रतिशत है, और हमारी हकमारी मुसलमान के नाम पर अगड़ी जाति के मुस्लिम को राजनीतिक दलों द्वारा टिकटें दे दिया जाता है. और इस तरह हम पसमांदा मुसलमान ठग दिए जाते हैं. मुसलमानों के अंदर मे अगड़ी जाति के मुसलमानों की आबादी मात्र 3 प्रतिशत है और पिछड़ी जाति के मुसलमानों की आबादी 15 प्रतिशत है।
सोसाइटी के जिलाध्यक्ष एडवोकेट निसार अख्तर अंसारी ने बैठक के बाद महागठबंधन से यह मांग किया है कि हम पसमांदा मुसलमानों को सिर्फ मुस्लिम नही बल्कि मुसलमानों के अंदर पसमांदा मुसलमानों को आबादी मुताबिक उचित टिकट व प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। जैसा की जाति जनगणना के बाद राहुल गांधी एंव तेजस्वी यादव कहा करते हैं कि ‘जिसकी जितनी आबादी उसकी इतनी हिस्सेदारी’ तो अंसार वेल्फेयर सोसाइटी यह मांग करती है कि बिहार में 18% मुसलमान की आबादी और उसे 18 परसेंट में 15% आबादी पिछड़े मुसलमान की है।
उसी हिसाब से पसमांदा मुसलमानों को उचित हिस्सेदारी होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में मिलनी चाहिए ना कि सभी मुसलमान को एक ही मे गिनती करके मुसलमान के नाम पर पहले की तरह अगड़ी जाति के मुसलमान को टिकट दे दिया जाए तो हम पिछड़े मुसलमान इसका विरोध करेंगे, अगड़ी जाति के मुसलमानों का हक हम नहीं मारना चाहते उनको भी उनकी आबादी के मुताबिक हक दिया जाय हमारा कोई बिरोध नहीं है। और हमे हमारी आबादी के हिसाब से हक मिले, हम सिर्फ मुसलमान बन करके नहीं रहना चाहते, हमें अपनी आबादी के अनुरूप मुसलमानों के अंदर हमारी जितनी आबादी है उसी हिसाब से हमें प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए, अब हम ठगाने वाले नहीं है। जो पार्टी या गठबंधन हमे उचित प्रतिनिधित्व देगी हम पसमांदा मुस्लिम उसका ही साथ देंगे।
महागठबंधन आने वाले चुनाव में सिर्फ मुसलमान समझते हुए नहीं बल्कि मुसलमान के अंदर जितनी जिनकी आबादी है उस हिसाब से उसकी उचित प्रतिनिधित्व दें। अन्यथा बिहार के पसमांदा मुसलमान कुछ अलग रास्ता भी अख्तियार कर सकते हैं। आज की बैठक में एडवोकेट निसार अख्तर अंसारी के अलावे जमील अख्तर अंसारी, सगीर अंसारी, युसूफ अंसारी, नौशाद अंसारी, परवेज अंसारी, मुर्तुजा अंसारी, मंसूर अंसारी, आफताब आलम, रहीम मियां, असलम अंसारी, इसलाम अंसारी, गफार अंसारी, करीम अंसारी, महताब आलम, इसहाक अंसारी वगैरह लोग शामिल है।
भईया जी की रिपोर्ट