नवादा : वन प्रमंडल नवादा अंतर्गत रजौली अनुमण्डल स्थित पनमा व पिपरा जंगलों में अवैध वन कटाई का मामला दिलचस्प मोड़ ले लिया है । वन विभाग द्वारा अभियान चलाकर लाखो रूपये की लकड़ी जब्त की गई है किन्तु इससे संबंधित प्राथमिकी में भयंकर शाजिश हुई? आरोप एक वन माफिया दूसरे पर लगा रहा है। आरोप है कि जिस वायरल वीडियो के आधार पर प्राथमिकी में नामजद अभियुक्त बनाया गया है वह वीडियो कथित बालू माफिया साधू यादव द्वारा बनाया गया है जिसमें दो मजदूर घुटर माँझी और चांदो मांझी से जबरदस्ती नाम लेने को कहा जा रहा है।
घुटर माँझी एवं चांदो मांझी ने खुलासा किया है कि साधू यादव एवं पप्पू यादव दोनों को जबरदस्ती धमकी देकर लकड़ी के ढेर के पास ले गए और बिजय यादव एवं सकिंदर यादव का नाम लेने के लिए दबाब दिया। जबकि इन दोनों को जानता पहचानता भी नहीं हूँ। आरोप है कि चौथा गांव का साधु यादव जंगल माफिया है, जो बालू का अवैध कारोबार करता है। इसके अलावे दारू एवं अभ्रक के अवैध धंधे में लिप्त रहता है। इसके डर से बिजय यादव और शकिन्दर यादव का नाम लिया था।
मजदूरों ने बताया कि पिछले दिनों हमलोग अपने गांव पनमा- पिपरा के बधार में जानवर चरा रहे थे, उसी समय साधु यादव तीन आदमी के साथ आया और साथ चलने को कहा। इनलोगों ने हम दोनों को लकड़ियों के गट्ठर के सामने कर दिया और बिडियो बनाते हुए बिजय यादव और शकिन्दर यादव का नाम लेने के लिए कहा। हमलोग डर के मारे जैसे कहा गया वैसे कह दिया। इस बावत नामजद अभियुक्त विजय यादव एवं शकिन्दर यादव ने बताया कि जंगल में निर्माणाधीन रेलवे ट्रैक के लिए साधु यादव द्वारा अवैध बालू आपूर्ति किया जाता है जिसका खुलासा किया तो बालू का अवैध कारोबार प्रभावित होने लगा।
इसी दुश्मनी को लेकर साधु यादव द्वारा झूठे केश में फंसाने की शाजिस रची जा रही है। सन 2023 में साधु यादव द्वारा वन अधिकारियों के साथ गंभीर रूप से मारपीट की गई थी जिसमें इनको जेल जाना पड़ा था और यह मामला आज भी न्यायालय में लंबित है। अब सबसे बड़ा सवाल यह कि दोषी चाहे जो हो? अवैध रूप से हजारों वृक्षों की कटाई के पीछे कौन? माफिया या वन अधिकारी? वन माफियाओं द्वारा एक दूसरे के विरुद्ध आरोप प्रत्यारोप कहीं वन अधिकारियों को बचाने की चाल तो नहीं? फिर सबसे बड़ा सवाल वनों व वृक्षों की लगातार हो रही कटाई के लिए जिम्मेदार कौन? अधिकारी या फिर वन माफिया? जांच का मामला तो बनता है।
भईया जी की रिपोर्ट