अरवल – बिहार में भाजपा ने चुनाव आयोग के द्वारा मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण के नाम पर करोड़ों गरीबों को मताधिकार से वंचित करने के संविधान विरोधी फैसला के खिलाफ ट्रेड यूनियन व महागठबंधन आज पूरे बिहार बंद व चक्का जाम का आह्वान पर अरवल में चक्का जाम रहा।सड़क पर रसोइया बहने,आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आशा बहने,ट्रेड यूनियन कर्मचारी सहित महागठबंधन के सैकड़ों कार्यकर्ता सुबह 6 बजे पहुंचकर सभी दुकानदारों से बंद का अपील करते हुए भगत सिंह चौक पर चक्का जाम कर दिया। बंदी के दौरान सभा की गई ।सभा की अध्यक्षता भाकपा माले के राज्य कमिटी सदस्य रविंद्र यादव ने की।
सभा को संबोधित करते हुए स्थानीय विधायक महानंद सिंह ने कहा कि मोदी सरकार में लगातार किसान ,मजदूर, मेहनतकश के ऊपर जन विरोधी नीतियां चार श्रम कोड, नया कृषि कानून, तीन नए फौजदारी कानून और पहले तो महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी, भ्रष्टाचार की मार से लोगों की कमर तोड़ने की काम की और अब चुनाव आयोग के द्वारा बिहार में उन तमाम गरीबों, बहुजनों,भूमिहीनों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों को मताधिकार से वंचित करना चाह रही है। जो मतदाता गहन पुनरीक्षण में 11 दस्तावेज मांगा जा रहा है। उसमें से एक भी दस्तावेज गरीबों के पास नहीं है।बिहार के करोड़ों प्रवासी मजदूर जो आज बिहार से बाहर जाकर अपने जीविका चला रहे है वो अपनी कागजात जमा नहीं कर पाएंगे और वो मतदाता सूची से बाहर हो जायेगे।उसके बाद उनके नागरिकता, पेंशन, राशन, शिक्षा और सम्मान से जीने का अधिकार भी समाप्त हो जाएगी। ओ सिर्फ गुलाम बनकर रह जाएंगे।
मोदी सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग का यह निर्णय संविधान और लोकतंत्र विरोधी है। महागठबंधन किसी भी हाल में बिहार के लोगों को नागरिकता छीनने नहीं देगा। इस गहन मतदाता पुनरीक्षण को चुनाव आयोग जब तक वापस नहीं लेता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। सभा को राजद के पूर्व विधायक रविंद्र सिंह, जगजीवन राम, घनश्याम वर्मा, परवीन कुमार, उमेश पासवान,अर्जुन सिंह, विनोदराय, रामेश्वर चौधरी, माले से जितेंद्र यादव, रामकुमार वर्मा, लीला वर्मा, शाह शाद, टुन्ना शर्मा, सीपीई से दीनानाथ सिंह, कांग्रेस से मो निसार अहमद, सामाजिक न्याय कार्यकर्ता सुबोध यादव सहित कई महागठबंधन के नेता संबोधित किए।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट