नवादा : व्यवहार न्यायालय से सटे दक्षिण राज्य ट्रांसपोर्ट अपनी परती भूमि की घेराबंदी कराने में जुट गया है। ऐसा तब हो रहा है जब जिला प्रशाशन द्वारा दर्जनों बार राज ट्रांसपोर्ट की जमीन पर अधिवक्ता संघ भवन बनने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया, लेकिन अबतक जमीन नहीं मिला। अब उस जमीन को राज ट्रंसपोर्ट द्वारा घेरा बंदी कर कब्जा किया जा रहा है औऱ अधिवक्तागण मूक दर्शक बने तमाशा देख रहे हैं।
जिला अधिवक्ता संघ को विघटित कर राज्य अधिवक्ता संघ ने तदर्थ कमेटी का गठन किया है। तदर्थ कमेटी कितना दिन काम करेगा इसकी कोई सीमा निर्धारित नहीं है। ऐसे में अधिवक्ताओं के हितों की लगातार उपेक्षा हो रही है। अधिवक्ताओं का वाहन न्यायालय परिसर में लगाने पर रोक लगा दी गई है। अब जिस जमीन के लिए पूर्व में लम्बी लड़ाई लड़ी गयी वह भी हाथ से जाना लगभग तय है।
फिर अधिवक्ता भवन का निर्माण हो भी पायेगा? क्योंकि आसपास कहीं निजी जमीन उपलब्ध भी नहीं है जिसे खरीद कर अधिवक्ता अपना आशियाना बना सकें। फिर न्यायालय परिसर में वही तिरपाल के निचे जाड़ा, गर्मी व बरसात में समय गुजारना इनकी मजबूरी बनी रहेगी। कहते हैं एकता में बल है, लेकिन यहां तो एकता है ही नहीं?
भईया जी की रिपोर्ट