बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले के तीन आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। इससे भागलपुर में हुए 2200 करोड़ के सृजन घोटाला की किंगपिन मनोरमा देवी की बहू रजनी प्रिया को बड़ा राहत में मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में सृजन घोटाले के संबंध में ईडी द्वारा दर्ज मामले में रजनी प्रिया और दो अन्य आरोपियों को जमानत देने का निर्देश दिया। अदालत ने निर्देश दिया कि आरोपियों को सात दिनों की अवधि के भीतर ट्रायल कोर्ट में पेश किया जाए और उसके बाद उन्हें जमानत दी जाएगी।
हजारों करोड़ के सृजन घोटाला में मुख्य आरोपी मनोरमा देवी की बहू रजनी प्रिया और अन्य आरोपियों ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इन आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रजनी प्रिया समेत तीन आरोपी को बेल देने का फैसला लिया है। कोर्ट ने यह निर्देश इस बाद को ध्यान में रखते हुए दिया कि आरोपी लंबे समय से जेल में बंद हैं और मामले में अभी सुनवाई शुरू होनी है।अदालत ने यह निर्देश इस बात को ध्यान में रखते हुए दिया कि आरोपी लंबे समय से जेल में बंद हैं और मामले में अभी सुनवाई शुरू होनी है। सृजन महिला सहयोग समिति एक गैर सरकारी संगठन है, जिसके खातों में 2004 से 2014 के बीच कथित तौर पर बड़ी मात्रा में सरकारी धन धोखाधड़ी से स्थानांतरित किया गया था।
यह गैर सरकारी संगठन भागलपुर में महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करता था। संगठन का कार्यालय बिहार के भागलपुर जिले के सबौर ब्लॉक में स्थित है। एनजीओ पर जिला अधिकारियों, बैंककर्मियों और उसके कर्मचारियों की मिलीभगत से भागलपुर जिला प्रशासन के खातों से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए सरकारी धन की चोरी करने का आरोप है। मनोरमा देवी इस एनजीओ की संचालिका थी। कई सरकारी संस्थानों का पैसा सृजन के खाते में पहुंचता था, जिसे मनोरमा देवी ऋण के रूप में बांटती थीं। मनोरमा देवी के निधन के बाद बैंकों का पैसा वापस नहीं मिल सका। बाद में इसकी जांच शुरू हुई तो हड़कंप मच गया।