बाढ़ : पटना जिला के अतिप्राचीन अनुमंडल “बाढ़” के अनुग्रह नारायण सिंह महाविद्यालय की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित पूर्ववर्ती छात्रों की समागम समारोह को उद्घाटन करने के बाद बतौर मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सभा को संबोंधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस कर्यक्रम में सम्मिलित होकर हमें अत्यंत गौरव की अनुभूति हुई है। यह वही संस्थान है, जिसने हमें न केवल शिक्षा दी बल्कि संघर्षों से लड़ने की ताकत, पहचान और संस्कार भी दिया और हमारे लिये यह कॉलेज सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि हमारी एक पोषण देने वाली मां है, जिसकी छांव ने हमें जीवन की हर परिस्थितियों से लड़ना सिखाया।
उप मुख्यमंत्री श्रीसिन्हा ने कहा कि इस समारोह के बहाने जब हम सब पूर्व छात्र एकत्रित हुये तो यह एहसास और भी गहरा हुआ कि हम सब एक ही वटवृक्ष की शाखायें हैं और आपस में जुड़े हुये हैं तथा एक-दूसरे के सुख-दुख के सहभागी हैं। मेरे राजनीतिक जीवन की पहली प्रेरणा भी इसी क्षेत्र में मिली और जब निवर्तमान प्रधानमंत्री, कवि एवं भारत रत्न श्रद्धेय अटल विहारी वाजपेयी जी चुनाव हारकर बाढ़ आये थे तो अपने पिताजी के साथ उनको सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनकी कही बातें आज भी मेरे लिये संजीवनी हैं।
उन्होनें सर्वप्रथम में कहा था कि तत्कालीन सरकार की इंजन नई है, लेकिन उसमें ब्रेक नहीं है और दूसरा कि मैं चुनाव हार कर भी जीता हूं, क्योंकि राजनीति के काजल की कोठरी से दामन बचा लेना ही असली जीत है। उप मुख्यमंत्री श्रीसिन्हा ने कहा कि इस संस्थान के लिये मैं हमेशा समर्पित रहूंगा और अपेक्षा करता हूं कि हम सब मिलकर इसकी गरिमा को बनाये रखेगें।
अनुग्रह नारायण सिंह महाविद्यालय के प्रेक्षा गृह में 22 जून 2025 को आयोजित पूर्ववर्ती छात्र समागम समारोह में विधायक ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ज्ञानू,पूर्व सांसद सह पूर्व मंत्री विजय कृष्ण, विधान पार्षद कार्तिक कुमार उर्फ मास्टर साहब,राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मो० इर्शादुल्लाह, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० इंद्रजीत सिंह, एएनएस कॉलेज की प्राचार्या डॉ० श्यामा रॉय, आईएमए अध्यक्ष सह वरिष्ठ चिकित्सक डॉ० बी० पी० सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ० सियाराम सिंह, नगर परिषद के अध्यक्ष संजय कुमार उर्फ गाय माता, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ० अंजेश कुमार, डॉ० वरुण शर्मा, डॉ० अरुण शर्मा, डॉ० अशोक कुमार सिंह सहित अनेक गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुये अपनी-अपनी विचार व्यक्त किये।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट