मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सोमवार को पटना में कच्ची दरगाह से बिदुपुर के बीच गंगा नदी पर बने 6 लेन के नए पुल का उद्घाटन किया। इससे पटना—राघोपुर और उत्तर बिहार के तमाम जिलों के बीच सफर आसान जाएगा। इस पुल के बनने से राघोपुर के लोगों को अब साल भर सड़क संपर्क मिलेगा और उत्तर-दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि इस पुल से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की सम्पर्कता के लिए लोगों को एक और वैकल्पिक मार्ग मिल गया। इससे आवागमन और सुगम हो जाएगा। हमलोग राज्य में गुणवत्तापूर्ण सड़कों एवं पुलों का लगातार निर्माण कर आवागमन को सुगम बना रहे हैं। इस पुल को बनाने में 5 हजार करोड़ रुपये लगे हैं। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, मंत्री नितिन नवीन और विधान सभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव भी मौजूद थे।
पटना से सीधे कनेक्ट हुआ राघोपुर दियारा क्षेत्र
विदित हो कि कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन पुल परियोजना के पहले चरण का शुभारंभ किया गया है जिससे अब यह इलाका आजादी के 76 साल बाद राजधानी पटना से सीधे कनेक्ट हो गया है। एनएच-31 से राघोपुर तक का हिस्सा पूरी तरह बनकर तैयार है। बाकी पर भी काफी तेजी से काम चल रहा है। कच्ची दरगाह-बिदुपुर छह लेन गंगा पुल के लोकार्पण से राघोपुर दियारा क्षेत्र के लोगों को राजधानी पटना से पूरे वर्ष के लिए सड़क सम्पर्कता मिल गई। इस क्षेत्र में कृषि, उद्योग सहित अन्य व्यवसायों का और तेजी से विकास होगा। आकस्मिक चिकित्सा की स्थिति में मरीजों को भी काफी सुविधा होगी। महात्मा गांधी सेतु पर भी यातायात का भार कम होगा।
इस मौके पर पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि राघोपुर दियारा के लोगों के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। इस इलाके के लोग दशकों से पीपा पुल और नावों के पटना से कनेक्ट थे। अब उन्हें स्थायी सड़क संपर्क मिलने जा रहा है। इस पुल ने अब राघोपुर को महज पांच मिनट में पटना से जोड़ दिया है। पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि यह तकनीक देश के गिने-चुने पुलों में ही इस्तेमाल की गई है, जिसमें केबल्स को डेक के नीचे एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक विशेष ढंग से जोड़ा गया है। इससे इसकी मजबूती कहीं अधिक हो जाती है। 19 किलोमीटर लंबी इस परियोजना का सबसे खास हिस्सा है 9.76 किलोमीटर लंबा एक्स्ट्रा डोज केबल स्टे ब्रिज, जो गंगा नदी पर बनाया गया है। इसकी चौड़ाई 32 मीटर है और यह पुल 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।