इस बार झारखंड की नदियों से बिहार में बाढ़ आ गई है। बाढ़ का असर दक्षिण बिहार के जिलों पर है। नालंदा और जहानाबाद जिलों में कई तटबंधों के क्षतिग्रस्त होने के बाद विभागीय मंत्री विजय चौधरी ने आज इस मामले की समीक्षा की। समीक्षा में इस नुकसान की वजह अफसरों की लापरवाही के रूप में सामने आई। इसके बाद जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि तटबंधों के क्षतिग्रस्त होने के मामले में एक कार्यपालक अभियंता और छह कनीय अभियंता को निलंबित कर दिया गया है। मॉनसून की शुरुआती बारिश में झारखंड से निकलने वाली निरंजना, मुहाने, उत्तर कोयल, सकरी, पचाने इत्यादि नदियों में अत्यधिक जलस्तर दर्ज किया गया है। इस कारण गया, नालंदा, जहानाबाद और पटना जिले के कई गांवों में पानी घुस गया। कई जगह बांध क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
मंत्री की कर्रवाई से मचा हड़कंप
जल संसाधन विभाग के मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि पिछले दो दिनों का हमारा अनुभव रहा कि जहां विभागीय इंजीनियर और अफसर मुस्तैद थे, वहां नुकसान कम हुआ। लेकिन जहां लापरवाही बरती गई वहां कुछ तटबंध क्षतिग्रस्त हुए है। जांच टीम ने पाया कि इस मामले में कई अधिकारी विभाग ने निर्देश का उल्लंघन करते पाते गए। उन्होंने अपने कार्य में लापरवाही बरती है। इसीलिए कार्यपालक अभियंता और कनीय अभियंता को समेत सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। बाकी जो कार्यपालक अभियंता से जो ऊपर के अधिकारी हैं, उनकी भी भूमिका की जांच की जा रही है। अगर यह लोग निगरानी करते तो क्षति कम होती।
लापरवाही बरतने के कारण कार्रवाई
मंत्री ने कहा कि जांच में पाया गया कि कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण प्रमंडल, एकंगरसराय तथा स्थल प्रभारी कनीय अभियंता द्वारा नालंदा/जहानाबाद अंतर्गत लोकाईन और भूमही नदी पर अवस्थित तटबंधों की सुरक्षा अपने दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती गई एवं निर्देशों का उल्लंघन किया गया। उक्त स्थिति में विभाग द्वारा कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण प्रमंडल, एकंगरसराय तथा संबंधित स्थल प्रभारी कनीय अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया गया है। मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि विभाग द्वारा बाढ़ और कटाव से सुरक्षा को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है एवं इसमें किसी भी स्तर से किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। इस परिप्रेक्ष्य में सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को फिर से सख्त हिदायत दी गई है। किसी भी लापरवाही के लिए दोषी पदाधिकारी निश्चित रूप से दण्ड के भागी होंगे।