बिहार के रोहतास में पीएम मोदी की बिक्रमगंज रैली के दौरान आज मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से गड़बड़ा गए। मुख्यमंत्री नीतीश ने मंच पर प्रधानमंत्री मोदी के पहुंचने के बाद अपना भाषण शुरू किया। इस दौरान उन्होंने पीएम का स्वागत और धन्यवाद करते हुए फिर से भारी भूल कर दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने भाषण में बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बजाय अटल बिहारी वाजपेयी का नाम ले लिया। हालांकि तत्काल ही उन्होंने अपनी भूल सुधार ली। मुख्यमंत्री के मुंह से निकला कि मैं प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी…न—न..प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का स्वागत करता हूं।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने सधे हुए अंदाज में पीएम का अभिनंदन किया और कहा कि बहुत खुशी की बात है कि रोहतास जिले के बिक्रमगंज में आप पधारे हैं। प्रधानमंत्री की ओर से आज दो सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन, तीन रेल परियोजनाओं का लोकार्पण और चार योजनाओं जिसमें बिजली निर्माण और पथों और पुलों के निर्माण शामिल हैं, का आगाज हो रहा है। इन सबकी लागत करीब 48500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। इन योजनाओं से बिहार को काफी फायदा होगा, इसके लिए मैं उनका नमन करता हूं और हृदय से धन्यवाद करता हूं।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने विपक्षी राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि केंद्र ने जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया है। मैं इसके लिए पीएम मोदी को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि दूसरे पार्टी के लोग इसके लिए क्रेडिट लेने में लगे हुए हैं। लेकिन, आप तो जानते ही हैं हमने पहले ही जातीय गणना कराने का निर्णय लिया। और, बिहार में इसे प्रमुखता से करवाया। इसलिए आपलोग किसी के बहकावे में मत आइएगा। जंगलराज की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि जब 2005 में बिहार में एनडीए की सरकार बनी, जिसमें बीजेपी और जेडीयू शामिल रही, उसके पहले जो सरकारें थी, उसका कोई काम था। आज कितनी बड़ी संख्या में महिलाएं दिख रही हैं। इसके पहले वालों ने कोई काम किया था क्या। जब से हम लोग सरकार में आए तब से हमने सबके लिए काम किया है।