नवादा : रविवार यानी 25 मई को रोहिणी नक्षत्र का प्रवेश हो गया। रोहिणी नक्षत्र भीषण गर्मी व लू के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन रोहिणी नक्षत्र के साथ ही नौतपा का समय शुरू हो गया, जो आगामी 02 जून तक जारी रहेगा। इस दौरान सूर्य पृथ्वी के करीब होता है, जिससे उसकी किरणें सीधे और तेज पड़ती हैं और तापमान बढ़ जाता है।
माना जाता है कि इन 09 दिनों में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है। हालांकि, हर साल ऐसा हो, ये जरूरी नहीं है। बीते 2024 में नौतपा के दौरान भारी हीट वेव चल रही थी। लेकिन 2023 में नौतपा के दौरान भीषण गर्मी नहीं पड़ी थी। बल्कि उस वर्ष मई-जून के महीने में बारिश हुई थी। इस वर्ष भी नौपता में उतार-चढ़ाव जारी रहने का अनुमान है।
मानसून आने से पहले मई महीने में हल्के आंधी-तूफान को आमतौर पर सामान्य माना जाता है। ऐसा हर एक-दो साल में होता है। इन स्ट्रॉन्ग सिस्टम की वजह से अगले कुछ दिन ऐसा ही मौसम रह सकता है। बदले मौसम में रविवार को भी मौसम का मिजाज सुहाना बना रहा। सुबह से बादल छाए रहे। दोपहर बाद ही धूप निकली लेकिन बादलों के बीच लुकाछिपी होती रही। हालांकि दोपहर बाद फिर से जिले के कई क्षेत्रों में बादल छा गए।
जिला मुख्यालय में तो नहीं लेकिन ग्रामीण इलाकों में कहीं-कहीं बादल के साथ बारिश भी होती रही। कहीं हल्की तो कहीं बूंदाबांदी भर ही हुई। बादल और बूंदाबांदी के बाद मौसम थोड़ा और सुहाना हो गया। सोमवार को भी मौसम करीब-करीब रविवार जैसा ही बना रहेगा लेकिन इसके बाद के अगले दो दिनों में तापमान बढ़ेगा। बादल और बारिश का साथ नहीं छूटेगा। लगातार सातवें दिन अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहा। रविवार को अधिकतम तापमान 34 तो न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस बना रहा।
कृषि मौसम वैज्ञानिक रौशन कुमार ने बताया कि पिछले दिनों बने मौसमी कारकों का प्रभाव अभी फिलहाल खत्म होने के कगार पर है। रविवार के बाद अगले दो दिनों में आंशिक रूप से ही बादल छाने का अनुमान है। लेकिन जिले के एक या दो स्थानों पर छिटपुट बारिश की संभावना बन रही है। इसके साथ ही अधिकतम तापमान में मामूली वृद्धि होगी। हालांकि, अभी तापमान सामान्य यानी 40 डिग्री से कम ही रहने का अनुमान है। औसत अधिकतम तापमान 34 से 36 तो न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस बना रह सकता है।
मौसम का उतार-चढ़ाव रहेगा जारी, बनी रहेगी परेशानी:- मौसम का उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावनाओं के बीच आमजनों की परेशानी बनी रहेगी। कृषि मौसम वैज्ञानिक रौशन कुमार कहते हैं कि सेंट्रल एशिया और हिमालय से आने वाली ठंडी हवाएं उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में बादल, बारिश और आंधी-तूफान लाती हैं। यह हवाएं इन दिनों अपनी गति से तेज चल रही हैं। वहीं, देश भर में इस वक्त हीट वेव वाला सिस्टम भी एक्टिव है। ऐसे में जब यह दोनों हवाएं टकरातीं हैं तो मौसम अचानक से बदल जाता है। इसीलिए कई जगहों पर दिन में हीट वेव और रात में आंधी-पानी देखने को मिल रहा है।
अरब सागर में मई माह में कई दबाव वाले इलाके यानी लो-प्रेशर सिस्टम बन रहे हैं, जो तटीय इलाकों में भारी बारिश तो दूरस्थ इलाकों में सामान्य वर्षापात का कारण बन रहे हैं। इस वर्ष अभी तक सामान्य तिथि एक जून के पूर्व ही दक्षिण-पश्चिम मानसून की रवानगी हो चुकी है और यह शनिवार को ही केरल तट तक पहुंच चुकी है।
भईया जी की रिपोर्ट