नवादा : पहले रजौली भूमि सुधार उपसमाहर्ता फिर अकबरपुर अंचल अधिकारी और अब जिला भू-अर्जन पदाधिकारी। हर किसी को गलतियां करने की मानों आदत हो गयी है। इसे टाइपिंग मिस्टेक भी नहीं कहा जा सकता क्योंकि गलतियां जानबूझकर की जा रही है। इसके पुख्ता प्रमाण मौजूद हैं। वैसे मैं बगैर पुख्ता प्रमाण के किसी पर आरोप नहीं लगाता।
जी हां! यहां हम बात कर रहे हैं जिला भू-अर्जन पदाधिकारी की। मंझवे- गोविंदपुर एसएच 103 का निर्माण कार्य जारी है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य किया जाना है। वैसे लगभग 90 प्रतिशत कार्य संपन्न करा लिया गया है। अकबरपुर प्रखण्ड क्षेत्र के कुहिला, अकबरपुर बाजार, बलिया बुजुर्ग, रजहत व डीही गांव के व्यवसायियों व किसानों ने कार्य को बंद करा रखा है। उनका कहना है कि बगैर मुआवजा भुगतान के कार्य नहीं करने दूंगा। किसानों के अपनी मांगों अड़े रहने को डीएम ने काफी गंभीरता से लिया तथा जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को अग्रेत्तर कार्रवाई का आदेश निर्गत किया है।
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने भूस्वामियों को पत्र निर्गत किया है। उन्होंने अपने कार्यालय में उपस्थित होने की तिथि जारी की है। अब एक नजर उक्त पत्र पर डालते हैं। पत्र दिनांक 27/03 को जारी किया गया है जिसमें 14/ 04 को उपस्थित होने का आदेश निर्गत किया गया है। भूस्वामियों को पत्र 03/05 को उपलब्ध करायी गयी है। अब आप खुद निर्णय करें यह पत्र कहां तक न्यायोचित है? क्या बैठक की तिथि समाप्त नहीं हो गयी? अगर हां तो फिर इस पत्र का औचित्य ही क्या है? अब सबसे बड़ा सवाल क्या इस प्रकार की गलतियां जानबूझकर की जा रही है?
भईया जी की रिपोर्ट