केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच सभी राज्यों से सात मई को ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित करने को कहा है। यह मॉक ड्रिल युद्ध की स्थिति में मिसाइल हमलों या किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने हेतु लोगों को तैयार करने और उन्हें जागरुक करने वास्ते की जा रही है। इसके लिए देश के कुल 244 जिलों को चिह्नित किया गया है जहां प्राथमिकी तौर पर जंग वाला सायरन बजेगा। इसमें बिहार पटना, पूर्णिया, बरौनी और कटिहार जिले शामिल हैं। सभी राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए एडवाइजरी में कहा गया है कि ‘मॉक ड्रिल’ के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन, नागरिकों को ‘किसी भी हमले’ की सूरत में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों एवं खाइयों की साफ-सफाई शामिल है।
मॉक ड्रिल किन जिलों में होगी
1- पोर्ट ब्लेयर 2- हैदराबाद 3- विशाखापत्तनम 4- आलोग 5- ईटानगर 6- तवांग 7- हाउलिंग 8- बोंगाईगांव 9- डिब्रूगढ़ 10- डुबरी 11- गोलपारा 12- जोरहाट 13- शिवसागर 14- तिनसुकिया 15- तेजपुर 16- डिगबोई 17- दिलियाजान 18- गुवाहाटी 19- रंगिया 20- नामरूप 21- नाजिरा 22- उत्तरी लक्ष्मीपुर 23- नुमालीगढ़ 24- बरौनी 25- कटिहार 26- पटना 27- पूर्णिया 28- चंडीगढ़ 29- दुर्ग 30- दादरा 31- दमन 32- दिल्ली 33- बालासोर 34- कोरापुट 35- भुवनेश्वर 36- गोपालपुर 37- 53-भादरा 54-कोलकाता 55-राजस्थान 56-मोहाली 57-अबोहर 58-अजमेर 59-अलवर 60-बाड़मेर 61-भरतपुर 62-बीकानेर 63-बूंदी 64-गंगानगर 65-हनुमानगढ़ 66-जयपुर 67-जैसलमेर 68-जोधपुर 69-उदयपुर 70-सीकर 71-नाल 72 सूरतगढ़ 73 आबू रोड 74- 75. भिवाड़ी, 76. इलाहाबाद, 77. बरेली, 78. गाजियाबाद 79. गोरखपुर, 80. झांसी, 81. कानपुर, 82. लखनऊ, 83. मथुरा, 84. मेरठ, 85. मुरादाबाद, 86. सहारनपुर, 87. वाराणसी, 88. मुगलसराय, 89. सरसावा, 90. बुलन्दशहर, 91. बागपत, 92. मुजफ्फरनगर, 93. बेगुसराय 94. बोमडिला, 95. दरांग, 96. गोलाघाट, 97. भद्रक, 98. डेंकनाल, 99. जगतसिंहपुर, 100. केन्द्रपुर आदि
पलहे कब-कब बजा था सारयन
विदित हो कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब भारत पाकिस्तान पर पलटवार की तैयारी में है। इस दौरान पाकिस्तान की तरफ से भी भारत पर हमला हो सकता है। इसी को ध्यान में रखकर भारत की जनता को सिविल डिफेंस और अन्य उपायों के लिए तैयार किया जा रहा है। इससे पहले देश में ऐसी स्थिति 54 वर्ष पूर्व 1971 में हुए बांग्लादेश की लड़ाई के वक्त उत्पन्न हुई थी।
- 1962 का चीन युद्ध: जंग वाले सायरन का उपयोग किया गया था।
- 1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध: जंग वाले सायरन का उपयोग किया गया था।
- 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध: जंग वाले सायरन का उपयोग किया गया था।
- कारगिल युद्ध: जंग वाले सायरन का उपयोग बॉर्डर से लगे इलाकों में किया गया था।
इन स्थानों पर लगेगा जंग वाला सायरन
प्रशासनिक भवन: महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों और इमारतों में
पुलिस मुख्यालय: पुलिस विभाग के मुख्य कार्यालयों में
फायर स्टेशन: अग्निशमन विभाग के कार्यालयों और स्टेशनों में
सैन्य ठिकाने: सैन्य बलों के ठिकानों और शिविरों में
भीड़भाड़ वाले इलाके: शहरों के व्यस्त और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में
संवेदनशील इलाके: राष्ट्रीय राजधानी, राज्यों की राजधानी में
आवाज की तीव्रता: 120-140 डेसिबल
दूरी: 2-5 किलोमीटर की रेंज तक सुनाई दे सकती है
आवाज का पैटर्न: साइक्लिक पैटर्न, जिसमें आवाज धीरे-धीरे तेज होती है और फिर घटती है
मॉक ड्रिल में सायरन बजने पर आपको ये करना होगा
- खुले इलाकों से हटकर घरों या सुरक्षित इमारतों के अंदर जाएं
- शांत रहें, पैनिक न हों और शांति से निर्देशों का पालन करें
- टीवी, रेडियो और सरकारी अलर्ट्स पर ध्यान दें
- अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर विश्वास करें
- प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
सुरक्षित स्थान तक पहुंचने का समय: सायरन बजने के 5 से 10 मिनट के अंदर सुरक्षित स्थान तक पहुंचना होता है।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य: लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचने के लिए प्रशिक्षित करना और उन्हें आपात स्थिति में जल्दी और शांतिपूर्वक बाहर निकलने का अभ्यास कराना