नवादा : उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र के बिहार-झारखंड सीमावर्ती क्षेत्र दिबौर से लेकर लालू मोड़ तक झारखंड की ओर से आनेवाली दर्जनों ट्रकों पर ढोए जाने वाले फ्लाई एश डस्ट से सड़कों पर चलने वाले राहगीर समेत चितरकोली स्थित समेकित जांच चौकी पर तैनात उत्पाद पुलिस काफी परेशान हैं। फ्लाई एश डस्ट के कारण लोगों को कई प्रकार के सांसों से संबंधित बीमारियां हो रही है। वहीं सड़क किनारे हरदिया समेत अन्य गांवों के लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। उत्पाद एसआई बब्लू कुमार एवं एएसआई सुधीर कुमार समेत अन्य लोगों ने बताया कि वे लोग प्रतिदिन 24 घंटे झारखंड की ओर से आनेवाली प्रत्येक वाहनों की जांच में जुटे रहते हैं।
इस दौरान झारखंड की ओर से आनेवाली ट्रकों एवं हाईवा पर लोड फ्लाई एश डस्ट सड़कों पर गिरते जाता है, जो बाद में सूखने के बाद हवाओं के साथ वातावरण में फैलकर नाक एवं आंख को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। परिवहन विभाग में तैनात लोगों ने बताया कि ड्यूटी के दौरान उनके शरीर पर फ्लाई एश डस्ट का एक मोटा परत जमा हो जाता है, जिसके कारण उन्हें ड्यूटी के बाद स्नान के साथ-साथ कपड़े भी साफ करने पड़ते हैं। हालांकि, स्नान करने के बाद शरीर एवं कपड़े तो साफ हो जाते हैं, किंतु नाक से हवा के सहारे श्वास में गए धूलकण के कारण सांस लेने में एवं आंखों में काफी परेशानी हो रही है।
हरदिया निवासी पवन सिंह ने बताया कि उनका घर सड़क के किनारे है एवं उड़ते फ्लाई एश डस्ट के कारण उन्हें अपने घरों के खिड़की और दरवाजे को बंद करके रखना पड़ता है। घर के बाहरी दीवारों पर उजले रंग का मोटा परत जम जाता है, जिसे तीन-चार दिनों के अंतराल पर धोना पड़ता है। फ्लाई एश डस्ट का प्रकोप इतना ज्यादा बढ़ा हुआ है कि बूढ़े-बुजुर्ग समेत अन्य लोग यदि घर के बाहर कुर्सी लगाकर थोड़ी देर बैठ जाए, तो उन्हें खांसी होने लगती है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्राासन से गुहार लगाई है कि यदि फ्लाई एश डस्ट ढोने वाले वाहनों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो लोगों का जीना मुहाल हो जाएगा और लोग नाक, कान तथा आंख के विभिन्न गंभीर बीमारियों के चपेट में आने से नहीं बच सकते।
भईया जी की रिपोर्ट