नवादा : मगही भाषा गांव की मिट्टी की सोन्ही महक का प्रतीक है जिसमें प्यार दुलार के साथ मीठी नोकझोंक का अद्भुत आनंद मिलता है। मगही विकास परिषद के बैनर तले जिले के वारिसलीगंज प्रखण्ड नारोमुरार गांव में आयोजित मगही कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए डॉ मिथिलेश कुमार सिन्हा ने उपर्युक्त बातें कही। मुख्य अतिथि के रूप में अपसड़ पंचायत की मुखिया राजकुमार सिंह और मेजवान के रूप में कुटरी के मुखिया अभिनव आनंद शामिल हुए। मगही पत्रिका ‘ सारथी ‘के 29 वें अंक का विमोचन समारोह सह मगही कवि सम्मेलन में नवादा, शेखपुरा, नालंदा और जमुई जिले के दर्जनों कवियों और साहित्यकारों ने भाग लिया और मगही भाषा के विस्तार के साथ उसके संरक्षण व संवर्द्धन पर व्यापक चर्चा की।
मौके पर संपादक आचार्य जयनंदन , प्रो किरण कुमारी शर्मा , नरेंद्र प्रसाद सिंह, अशोक समदर्शी, उदय भारती, सफी जानी नादाँ समेत नारो मुरार के गजानंद सिंह आदि ने सारथी पत्रिका का विमोचन करते हुए इसे मगही साहित्य की स्तरीय पत्रिका बताया। सम्मान व स्वागत सत्र में मगही विकास परिषद की ओर से सभी उपस्थित कवियों को अंग वस्त्र एवं पुष्पहार भेंट कर सम्मानित किया गया जबकि गाँव की बेटियों ने स्वागत गीत से पीढ़ा-पानी सजाया। आखिरी सत्र में मगही कविता का दौर चला जिसमें भिन्न-भिन्न विधा के कवियों ने भिन्न भिन्न स्वर की कविता पाठ कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कविता में बसंती छौंक के साथ सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि की जोरदार प्रस्तुति शामिल रही।
मंच का संचालन करते हुए कृष्ण कुमार भट्टा ने समय के मादक सुगन्ध को महसूस करते हुए कवियों को आमंत्रित किया जिससे देर शाम तक सभी काव्य रस का प्रवाह बढ़ता गया। काव्य पाठ करने वाले कवियों में आचार्य गोपाल जी, शम्भू विश्वकर्मा, उमेश बहादुरपुरी, जयराम देवसपुरी, डॉ जैकी कुमार, अनिलानंद, कमलेश्वर जी आदि ने भी जोरदार प्रस्तुति दी। परिषद के सदस्य और शहीद चंदन के पिता मौलेश्वर सिंह, साधू शरण सिंह, राधे सिंह, कृष्णमुरारी सिंह, अरविंद सिंह, संजय सिंह शिक्षक इत्यादि ने कार्यक्रम का सफल आयोजन किया।
भईया जी की रिपोर्ट