नवादा : जी हां! अगर आपने डाक के माध्यम से जिला प्रशासन को कोई आवेदन भेजा है तो उसे वापस लौटने का इंतजार भी किया करें। जिला प्रशासन आवेदन लेने के बजाय उसे वापस लौटा दे रहा है। इस प्रकार के एक नहीं कई उदाहरण मौजूद हैं।
ताज़ा मामला जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल का है। उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत एक आवेदन निबंधित डाक से भेजा। डाकिया ने उसे “रिफ्यूज” लिखकर वापस तो कर दिया लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि किसने लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने हार नहीं मानी तथा डाक महाध्यक्ष से डाकिया के कुकृत्य की शिकायत CPGRAM पोर्टल पर कर जांच की मांगी कि आखिर किसने डाक लेने से इंकार किया।
डाक महाध्यक्ष ने जांचोपरांत जो आधा अधुरा जबाव दिया जिसमें यह स्पष्ट किया है कि समाहर्ता कार्यालय के लोक सूचना पदाधिकारी ने वापस किया गया लेकिन किसने किया यह नाम अभी तक स्पष्ट नहीं है। लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा अपील की कार्यवाही में सब कुछ स्पष्ट होने की संभावना है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जब डीएम कार्यालय ही इस प्रकार का कुकृत्य कर रहा हो तो वैसे में लोगों को न्याय मिल पायेगा इसकी उम्मीद ही करनी बेमानी है।
भईया जी की रिपोर्ट