नवादा : जिले में मनरेगा योजना में बंदरबांट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं मुखिया लूट का आरोप लगा रहा है तो कहीं आम नागरिक। बावजूद जांच के नाम पर खानापूर्ति कर मामले को दबाया जा रहा है । हालात यह है कि श्रमदान से कराये गये कार्य को भी मनरेगा का कार्य बता राशि की बंदरबांट हो रही है।
ताज़ा मामला अकबरपुर प्रखण्ड क्षेत्र के बकसंडा पंचायत का है। भ्रष्टाचार में लिप्त मुखिया के विरुद्ध आरोप प्रमाणित होने के बाद आयुक्त ने पदमुक्त करने की अनुसंशा कब की है। लेकिन मामला सचिवालय में धूल फांक रहा है। ऐसे में मुखिया का मनोबल बढ़ता जा रहा है।
श्रमदान से अलंग की भराई ग्रामीणों ने करायी थी लेकिन उसे मनरेगा का कार्य बता राशि की बंदरबांट कर ली। जी हां! इसका प्रमाण जेसीबी से कराये गये कार्य की वीडियो है। दूसरी ओर राशि निकासी का मनरेगा का दस्तावेज है। बावजूद सारे अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। कारण स्पष्ट है बंदरबांट में हिस्सेदारी। ऐसे में डीएम से सवाल पूछा जाने लगा है मनरेगा में बंदरबांट कब-तक?
भईया जी की रिपोर्ट