नवादा : जिला सहकारिता बैंक प्रबंध निदेशक अरुण कुमार ने किसी प्रकार की राशि गवन के आरोप को सिरे से नकार दिया। कांग्रेस कार्यकर्ता प्रमोद कुमार द्वारा प्रबंध निदेशक व जिला सहकारिता पदाधिकारी की मिलीभगत से 32 करोड़ रुपए गवन किये जाने के आरोप पर अपनी सफाई दे रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी पर आरोप लगाना आसान है लेकिन आरोप को सिद्ध कर पाना मुश्किल है।
वैसे आरोप लगाने वाले के चरित्र से जिले के लोग वाकिफ हैं। यही कारण है कि उनके आरोपों का कोई संज्ञान तक नहीं ले रहा है। बैंक के कार्यकलापों की देखरेख के लिए अध्यक्ष के अलावा प्रबंध कार्यकारिणी है। बैठक में पारित प्रस्ताव को लागू कराना मेरा काम है। अबतक अध्यक्ष से लेकर कार्यकारिणी का एक भी सदस्य मेरे कार्यकलापों पर उंगलियां नहीं उठायी है। ऐसे में 32 करोड़ रुपए का गवन का सवाल ही पैदा नहीं होता।
जहां तक धान खरीद का प्रश्न है तो बैंक धान की खरीद नहीं करती। धान खरीद के लिए पैक्सों के अलावा व्यापार मंडल को एजेंसी बनाया गया है। बैंक का काम सिर्फ और सिर्फ राशि का भुगतान करना है। धान विक्रेताओं को समय पर राशि का भुगतान बैंक की प्रमुखता है और अबतक एक भी शिकायत प्राप्त नहीं हुआ है फिर खरीद में धांधली कैसी? उन्होंने कहा कि मैं जांच को तैयार हूं। बशर्ते कि वे सबूत पेश करें। दूसरी ओर अध्यक्ष ने भी ऐसी किसी आरोप से इंकार करते हुए बताया कि जो आरोप लगा रहा है खुद दूध का धुला नहीं है। जहां तक प्रबंध निदेशक का सवाल है तो उनसे किसी का मतभेद तो दूर मनभेद तक नहीं है।
भईया जी की रिपोर्ट