नवादा : जिले के अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र के वकसंडा पैक्स में फर्जीवाड़ा का कोई जबाब नहीं। पदाधिकारी ही मेहरबान हो तो कोई फर्जीवाड़ा क्यों नहीं करेगा? भाई साहब यह को आपरेटीव विभाग है। यहां फर्जीवाड़ा करने के लिए पदाधिकारी ही गुर सीखाते हैं। कभी किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा तो कभी धान अधिप्राप्ति में झोल-झाल। जिले में आगामी 10 फरवरी को मुख्यमंत्री प्रगति यात्रा को ले कार्यक्रम तय है। तय कार्यक्रम के अनुसार गोविन्दपुर, अकबरपुर एवं रजौली प्रखंडों में विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करेंगे।
वावजूद पैक्स में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। सारा डाटा को आपरेटीव डिपार्टमेंट के इंटरनेट पर अपलोड किया हुआ है जिसे कोई भी आसानी से देख सकता है। वावजूद इसपर रोक लगाने के बजाय बीसीओ के संरक्षण में उक्त पैक्स में दलालों द्वारा फर्जी जमीन दिखाकर धान अधिप्राप्ति करवाई जा रही हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है उक्त दलाल का सहकारिता विभाग में गहरी पैठ है। जिले के पदाधिकारी हो या फिर प्रखंड के कोई उनके सामने कुछ नहीं कर सकता। पूर्व में वे तीन से चार पैक्सो में फर्जी तरीके से धान खरीदारी करवाते थे।
वकसंडा में किस वित्तीय बर्ष में कितनी हुई धान की खरीद
वित्तीय बर्ष 2020-21 में 122 किसानों से11687 क्विटंल, 2021-22 में 149 किसान से 10496 क्विटंल, 2022-23 में 69 किसानों से 4950 क्विंटल, 2023-24 में 78 किसानों से 5840 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति हुई है। ऐसे में सरकारी आंकड़े से यह बात साबित होता है कि पूर्व के बर्षो में धान अधिप्राप्ति में जमकर किसान के नाम पर फर्जीवाड़ा का खेल हुआ।
जमीन किसी और का धान दे रहा कोई और
सहकारिता विभाग में लूट की खुली छूट है। जो जितना लूट सके लूट लो। इसीलिए तो उक्त विभाग में पदाधिकारी कार्रवाई करने के बजाय मौन धारण किये रहते हैं।
जमीन किसी और का धान दे रहा कोई और
हद तो यह है कि जब गैर रैयत किसान द्वारा जो जमीन का विवरण दिया गया है वह जमाबंदी पंजी से बिल्कुल अलग हैं। इसका गवाह सरकारी आंकड़े है। किसानों ने डीएम से बकसंडा पैक्स में गैर रैयत व रैयत किसानों से बर्ष 2024-25 में किये गये धान अधिप्राप्ति की जांच करवाने की मांग की है।
भईया जी की रिपोर्ट