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बिहार विस चुनाव में तेजस्वी को नहीं चाहिए नौकरी देने का क्रेडिट !
पटना : बिहार विधान सभा चुनाव 2025 से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बोल बदल गए हैं। नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने आज राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बिहार में नौकरी देने के मामले में क्रेडिट लेने से साफ़ मना कर दिया है। उन्होंने मीडिया से कहा कि अब उन्हें क्रेडिट लेने से मतलब नहीं है। नीतीश कुमार को नौकरी देने का क्रेडिट लेना है तो वह लें यह अच्छी बात है। चुनाव से पहले तेजस्वी के इस बयान के बाद से राजनीतिक गलियारों में एक अलग तरह का समीकरण बन रहा है।
दरअसल, बिहार विधानसभा के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव आज राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात करने राज्यपाल भवन गए थे उसे बाद जब बहार निकले तो मिडिया ने उनसे सवाल किया कि बिहार में बीते कल नियुक्ति पत्र बांटा गया है तो इसके जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा कि 17 महीनें रहें हैं तो कुछ तो लाभ होगा न 3.50 लाख नौकरी हमलोग जो प्रक्रियाधीन करवा कर आए हैं, यह काम तो हमनें ही करवाया है। जीतने पद सृजन करना था हम लोगों के कैबिनेट में ही हुआ। अब लें न भाई सब क्रेडिट वहीं लोग लें हमको क्रेडिट नहीं चाहिए अब इससे मतलब हमको थोड़े न है। हम तो चाहते हैं कि बिहार के लोगों को रोजगार मिले।
वहीँ, मालूम हो कि पूरे लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान तेजस्वी यादव जहां पर जाते थे, वहां खुले मंच पर इस बात का जिक्र जरूर करते थे कि उन्होंने अपने 17 महीना के कार्यकाल में बिहार के लोगों को नौकरी दी है। साथ ही नौकरी सृजित करने का फार्मूला भी बताते थे तो उन्हें लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को इसका फायदा भी मिला। लेकिन, अब तेजस्वी यह कह रहे हैं कि उन्हें इसका क्रेडिट नहीं चाहिए। पूरी क्रेडिट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही दे देना चाहिए। तो इसको लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो जाते हैं कि क्या तेजस्वी सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए एक नैरेटिव सेट कर रहे थे या कोई अन्य बात थी।