पटना : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पहली पीढ़ी के प्रचारक 109 वर्षीय राम बहादुर चौधरी का रविवार को पूर्वाहन 11 बजे स्वर्गवास हो गया। वे दरभंगा शहर के पा स्थित दडहार गांव के रहने वाले थे। बिहार में जब संघ का कार्य शुरू हुआ तब वर्ष 1940 में वे संघ के सम्पर्क में आ गए थे। संघ कार्य में धीरे-धीरे जुअ गए। एक समय ऐसा आया कि उन्होंने राष्ट्र के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने का निर्णय लिया और वे संघ के प्रचारक बन गए। बिहार में संघ कार्य के लिए सात युवाओं ने पहली बार अपना पूरा समय देने का संकल्प लिया था। यानी संघ कार्य के विस्तार के लिए प्रचारक बनने का निर्णय लिया था। बिहार में पहली पीढ़ी के प्रचारक बने उन सात युवाओं में रामबहादुर चौधरी भी एक थे।
बिहार के दरभंगा शहर के पास स्थित दरहाड़ गांव में वर्ष 1916 में रामबहादुर चौधरी का जन्म हुआ था। दरभंगा में ही विद्यालय में उनकी शिक्षा हुई। इसी बीच संघ के प्रचारक भाउ राव से उनकी मुलाकात हुई और वे संघ कार्य से जुड़ गए। आजादी की लड़ाई के दिनों में ही वे संघ के विचार से प्रभावित होकर संघ का प्रचारक बनने का निर्णय ले लिया था। रामबहादुर राय ऐसे प्रचारक थे जिन्होंने संघ के संस्थापक डा.केशव बलराम हेडगेवार और क्षितीय सरसंघचालक माधव राव सदाशिव गोलवलकर उपाख्य श्रीगुरुजी के साथ भी प्रचारक के रूप में कार्य किया।
उन्होंने संघ एकात्ममानवदर्शन व अंत्योदय विचार के प्रतिपादक पं. दीनदयाल उपाध्याय के साथ भी काम किया। उन्होंने अपने युवावस्था का बहुमूल्य 15 वर्ष संघ के प्रचारक के रूप राष्ट्र सेवा में समर्पित कर दिया था। बाद में माता-पिता के कहने पर उन्होंने गृहस्थ जीवन स्वीकार किया परन्तु वे संघ कार्य से सतत जुड़े रहे। उनके पुत्र डा.कन्हैया चौधरी एलएनएम विश्वविद्यालय में शिक्षक थे। उनके पुत्र डा.चौधरी ने बताया कि कल यानी 3 फरवरी 2025 को 11 बजे दरभंगा में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन की खबर मिलने के बाद श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है।