पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय एवं बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने शनिवार को सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में संस्थागत प्रसव कराने वाली महिलाओं के लिए जननी एवं बाल स्वास्थ्य हेतु जच्चा-बच्चा किट का लोकार्पण एवं वितरण किया। पटना सिटी स्थित गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल में इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। अपने संबोधन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आज से गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल से शुरु किए गए इस जच्चा-बच्चा किट को कुछ दिनों के बाद राज्य के सभी अस्पतालों में लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमनें इस राज्यस्तरीय योजना की शुरुआत के लिए पटना सिटी के गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल को इसलिए चुना क्योंकि ये जगह कभी पूरे देश का नेतृत्व करता था। पांडेय ने कहा कि इस जच्चा बच्चा किट को देने का मकसद महिलाओं औऱ बच्चों को सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं देना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताते हुए कहा कि उनके कुषल नेतृत्व में हमनें इस योजना की शुरुआत की है। स्वास्थ्य विभाग जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं को 1400 रुपये की राशी भी दी जा रही है और इस योजना के तहत प्रतिदिन संस्थागत प्रसव कराने वाली महिलाओं को डीबीटी के माध्यम से 20 लाख रुपये प्रतिदिन केवल इस मद के लिए दिए जा रहे हैं। अगले एक महीने में हम अपनी क्षमता का विस्तार करते हुए प्रतिदिन 50 लाख रुपया डीबीटी के माध्यम से हम माताओं को देंगे।
मंगल पांडेय ने कहा कि आज महिलाओं एवं बच्चों के लिए विभिन्न स्वास्थ्य योजनाएं जैसे जननी बाल सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, बालिका प्रतिरक्षण कैंसर योजना, कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री बाल थैलेसेमिया योजना, बाल ह्दय योजना, बाल श्रवण योजना आदि अनेकों कार्यक्रम संचालित हैं। जिसके माध्यम से महिलाओं एवं बच्चों का स्वास्थ्य देखभाल किया जा रहा है। जच्चा – बच्चा किट में प्रसूता माताओं के लिए 11 प्रकार की दवाईयां दी जा रही है। जिसमें रक्त की कमी, हड्डियों को मजबूत करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने, बुखार, दर्द और गैस सहित कई आवश्यक दवाओं सहित नवजात शिशु के लिए भी चार दवाएं दी जा रही है।
साथ ही कॉम्फेड (सुधा) के माध्यम से नमकीन दलिया, प्रीमिक्स खीर, खिचड़ी, बेसन की बर्फी, पपीता, सुधा का ठेकुआ एवं घी जैसी पोषक सामग्री जच्चा-बच्चा किट के जरिए प्रसूता माताओं को दी जा रही है। आशा दीदीयों को संबोधित करते हुए कहा कि आप घर- घर जाकर महिलाओं को बताएं कि सरकारी संस्थानों में प्रसव कराने में जच्चा- बच्चा किट की क्या उपयोगिता है और इस दौरान किस प्रकार से सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। राज्य के सरकारी अस्पतालों में 80 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हो रहे हैं।