अवसर तलाश करने में तत्पर रहें प्रशिक्षु पत्रकार: मणिकांत ठाकुर
पत्रकारों के अंदर स्वराष्ट्र के भाव का होना आवश्यक : डॉ. विनायक पद्माकर
पटना: किसी भी संस्था में शीर्ष प्रबंधन और उसमें काम करने वाले लोगों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। यह सिद्धांत मीडिया हाउस में और भी आवश्यक है, क्योंकि मीडिया एक साथ विधायिका , कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच संतुलन कायम रखता है। उक्त बातें पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. एनके झा ने कहीं। वह बृहस्पतिवार को विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित बारह दिवसीय पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला में पत्रकारिता का मौलिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रतिभागियों के अंदर लेखन के साथ-साथ चिंतन और मनन के भी गुणों का प्रस्फुटन हुआ है। इससे उन्हें रोजगार तलाश करने में न केवल सुविधा होगी, बल्कि देश समाज में घटने वाली घटनाओं को एक विशेष दृष्टि से देखने की क्षमता भी विकसित होगी।
कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार मणिकांत ठाकुर ने अपने पत्रकारीय जीवन के अनुभव को साझा करते हुए नए पत्रकारों को अवसर तलाश करने में तत्पर रहने, ईमानदारी पूर्वक दिए गए कार्यों को संपन्न करने तथा किसी भी कार्य में अपना शपथ प्रतिशत देने की सलाह दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत कार्यवाह डॉ. विनायक पद्माकर ने कहा कि पत्रकारों के अंदर स्वराष्ट्र के भाव का होना आवश्यक है। पत्रकारिता के क्षेत्र में किए गए किसी कार्य से अगर राष्ट्र की जरा सा भी क्षति हो रही है, तो वैसे कार्य को करने से पत्रकारों को परहेज करना चाहिए।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला के संचालक व विश्व संवाद केंद्र, पटना के संपादक संजीव कुमार ने कहा कि विगत 21 वर्षों से संचालित ’12 दिवसीय पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला’ से निकलकर देश के बड़े मीडिया हाउस में यहां के प्रतिभागी सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। आज उसे कड़ी में एक और बिंदु जुड़ गया है।
इस अवसर पर प्रतिभागियों द्वारा तैयार किए गए हाउस जर्नल का विमोचन किया गया तथा इस अवसर पर प्रतिभागियों ने कार्यशाला के दौरान हुए अपने अनुभवों को साझा किया। इस अवसर पर पटना विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग अध्यक्ष प्रो. लक्ष्मी नारायण, वरिष्ठ पत्रकार कृष्णकांत ओझा, मीडिया शिक्षक प्रशांत रंजन, शोधार्थी शोभित सुमन समेत जनसंचार विधा के कई शिक्षक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।