नवादा : जिले के अकबरपुर में कानून का राज पुरी तरह समाप्त हो चुका है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि पुलिस को पीड़ित को न्याय के एवज में —-। कुछ इसी प्रकार का मामला अकबरपुर बाजार का है। अकबरपुर बाजार निवासी ललन कुमार और अजूर्न प्रसाद में जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। खाता नंबर 442 प्लौट नंबर 1158 रकवा 3 डिसमिल जमीन पर 07 जनवरी 25 को अनुमंडल कार्यालय रजौली से निषेधाज्ञा लगाया गया लेकिन 12 दिन बाद ही जबरन अजूर्न प्रसाद अपने पुत्रों से मिलकर दबंगता पूर्वक पुनः विवादित भूमि पर कार्य प्रारंभ कर दिया।
दूसरे पक्ष के ललन प्रसाद एवं डमरु प्रसाद ने बताया कि निषेधाज्ञा लागू रहने के बावजूद काम लगने की शिकायत थानाध्यक्ष से किया, लेकिन थानाध्यक्ष ने काम बंद करवाने के बजाय शिकायत कर्ता को ही गाली गलौच करना आरंभ कर दिया। पीड़ित ललन प्रसाद ने एसपी को मोबाइल से इसकी शिकायत की। जिसपर एसपी अभिनव धीमान ने पीड़ीत से निषेधाज्ञा कागजात की मांग व्हाट्सएप पर की। कागजात देखने के बाद एसपी ने तुरंत थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी को विवादित भूमि पर काम बंद कराने का आदेश दिया।
एसपी के आदेश के बाद थानाध्यक्ष ने तत्काल काम को बंद करवा दिया लेकिन इसका खमियाजा पीड़ित को भुगतना पड़ा। पुलिस ने पीड़ित के घर पर जाकर गाली गलौच कर झुठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे डाली। पीड़ित के घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में क़ैद हो गई। ऐसे में अकबरपुर बाजार बसियों में पुलिस का भय देखा जा रहा है और लोग पुलिस से डरे सहमे है। बतादें कुछ दिन पूर्व अकबरपुर हाट पर निवासी सुधीर कुमार को पुलिस ने गोविन्दपुर कांड में जबरन गिरफ्तार कर घंटों थाने में रखी और दूसरे दिन न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने अकबरपुर के किसी कांड में आरोपित नहीं रहने के कारण मुक्त कर दिया। ऐसे में अकबरपुर में पुलिसिया कार्रवाई से लोगों में भय व्याप्त है।
भईया जी की रिपोर्ट