पटना: ”पत्रकारिता केवल सूचनाओं का प्रसार करना ही नहीं है, बल्कि यह लोकमत परिष्कार का माध्यम है। देशहित व लोकहित में जो उचित है, उसका पक्ष लेना ही पत्रकारिता है।” उक्त बातें रविवार को विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित 12 दिवसीय ‘पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला’ के उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने कहीं।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार बृजमोहन सिंह ने कहा कि देश की आजादी के बाद पत्रकारिता ने देश के विकास का समर्थन करते हुए पत्रकारिता की, लेकिन जब बाद में सत्तर के दशक में सरकारी कामकाज में अनियमितता और भ्रष्टाचार जैसे मामले सामने आने लगे, तो भारतीय पत्रकारिता ने वॉच डॉग की भूमिका भी निभाई। आम आदमी जो नहीं देख पाता है, उसे ही देखना, रेखांकित करना और उद्घाटित करना पत्रकारिता का दायित्व होता है। यह बहुत ही जिम्मेदारी भरा काम है, क्योंकि एक पत्रकार जो लिखता या बोलता है, उसे लाखों लोगों द्वारा पूरे विश्वास के साथ ग्रहण किया जाता है। इसलिए हम प्रिंट, इलेक्ट्रानिक अथवा डिजिटल माध्यम में जो भी लिख अथवा बोल रहे हैं, इसका एक-एक अंश बहुत सोच समझ कर लिखना व बोलना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार कृष्णकांत ओझा ने भारतीय संदर्भ में पत्रकारिता की अवधारणा का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी जगत बहस में विश्वास रखता है, जबकि भारत के लोग विमर्श में विश्वास रखते हैं। पत्रकारों को यह सूक्ष्म अंतर समझना होगा। जैसे सामान्यतः हम धर्म शब्द का अंग्रेजी पर्याय के रूप में रिलिजन शब्द का इस्तेमाल करने लगते हैं अथवा राष्ट्र के अंग्रेजी पर्याय के रूप में नेशन शब्द का इस्तेमाल करने लगते हैं इससे कई प्रकार की भ्रांतियां उत्पन्न हो जाती हैं। इसे दूर करना पत्रकारिता का कर्तव्य है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक व समाजसेवी राजेश कुमार पांडेय ने कहा कि भारत की किसी बात को भारतीय चश्मे से ही देखा और बोला जाना चाहिए, इस बात को स्थापित करने के लिए इस प्रकार के कार्यशाला चलाए जाते हैं। हमारे पारंपरिक ग्रंथों का उपहास हमारे देश में किया जाने लगा और हम उसे जस का तस मानने लगे। इसलिए इसमें सुधार की दृष्टि से भारतीय अवधारणा के हिसाब से पत्रकारिता होनी चाहिए।
इस अवसर पर विश्व संवाद केंद्र के संपादक संजीव कुमार ने बताया कि 2004 से हर वर्ष संस्था द्वारा 12 दिवसीय पत्रकारिता कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला से निकले पत्रकार देश-विदेश के लगभग हर बड़े टीवी चैनल, दैनिक अखबार, पत्रिका और अब डिजिटल मीडिया में भी ऊंचे पदों पर सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन 12 दिनों में बिहार के बड़े मीडिया हाउस से जुड़े वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा यहां आए प्रतिभागियों को प्रिंट, इलेक्ट्रानिक तथा डिजिटल मीडिया की व्यावहारिक जानकारी दी जाएगी। साथ ही साथ फील्ड में कैमरे संबंधी और वीडियो एडिटिंग संबंधी भी व्यवहारिक अभ्यास कराए जाएंगे।
इस अवसर पर निखिल रंजन, विपुल कुमार, दिवाकर कश्यप, प्रशांत रंजन समेत विभिन्न मीडिया जगत से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार, जनसंचार के शिक्षक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।