नवादा : प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े जिले के विद्यालय संचालकों ने सोमवार 23 दिसंबर की देर शाम नवादा नगर में कैंडल मार्च निकाल सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया। आरटीई के तहत निजी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों की प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान लंबित रहने से नाराज स्कूल संचालकों ने यह कदम उठाया। इसके पहले काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध दर्ज करा चुके थे।
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार ने बताया कि आरटीई अधिनियम सत्र 2011 में केंद्र सरकार ने लाया और बिहार सरकार इसे गरीब बच्चों के हित में अपनाया। इस अधिनियम में तय है कि प्रत्येक प्राइवेट स्कूल प्रथम वर्ग में 25% गरीब बच्चों का नामांकन लेंगे और लगातार आठवीं वर्ग तक उसे पढ़ाएंगे। बच्चों से कोई स्कूल शुल्क नहीं ले सकते। इन बच्चों का शिक्षण शुल्क प्रतिपूर्ति राशि के रूप में सरकार को देनी है। बस यही प्रतिपूर्ति राशि विगत 6 सालों से सरकार नहीं दे रही है।
इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिलाधिकारी, शिक्षा सचिव बिहार सरकार, मुख्य सचिव बिहार सरकार, शिक्षा मंत्री बिहार सरकार, मुख्यमंत्री बिहार सरकार को कई बार लिखा गया। लेकिन, सुनवाई नहीं हो रही है। कैंडल मार्च के बाद एक शिष्टमंडल अपर समाहर्ता चंद्रशेखर आजाद से मिलकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। जिसमें प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान अविलंब करने की दिशा में उचित कार्रवाई करने की मांग की गई। कहा गया कि मांग नहीं मानी गई तो 8 जनवरी 2025 को धरना दिया जाएगा।
भईया जी की रिपोर्ट