कटिहार में बलरामपुर के माले विधायक महबूब आलम को बजरंग दल वालों से उलझना और उनके खिलाफ बयानबाजी करना भारी पड़ गया है। एक बयान देकर वे बुरे फंस गए। भूमि विवाद के एक मामले में हुई हिंसा के दौरान एक आदिवासी युवक की मौत को लेकर उन्होंने बजरंग दल पर आरोप लगा दिया था। माले विधायक ने बजरंग दल वालों को गुंडा तत्व बताते हुए इस गोलीकांड के लिए जिम्मेदार बताया था। आदिवासी युवक की हत्या कुछ दिन पहले मनसाही थाना क्षेत्र के कुरेठा पंचायत के पिंडी ग्राम में जमीन जोतने को लेकर फायरिंग में हुई थी। इसी घटना पर माले विधायक ने मीडिया में बयान दिया था।
आदिवासी की हत्या पर दिया था बयान
विधायक का बयान एक लोकल अखबार में छपते ही बजरंग दल के कार्यकर्ता आक्रोशित हो उठे और उन्होंने क्षेत्र में घूम रहे माले विधायक का घेराव कर दिया। उनसे सवाल पूछा जाने लगा कि उन्होंने किस आधार पर ऐसा बयान दे दिया। इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ता काफी आक्रोशित थे। फिर तो विधायक महबूब आलम की सिट्टी—पिट्टी गुम हो गई और वे बैकफुट पर आ गए। बजरंग दल कार्यकर्ताओं के सवालों का उन्हें जवाब देते नहीं बना और उन्होंने इसके लिए मीडिया को ही दोषी ठहरा दिया। विधायक ने कहा कि पत्रकारों ने उनके बयान को गलत तरीके से छाप दिया। उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा था।
सवालों की बौछार से हुए असहज
इधर विधायक के घिरे होने की खबर मिलते ही सहायक थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई और उन्होंने किसी तरह बजरंग दल के गुस्साये कार्यकर्ताओं को समझा बुझाकर शांत किया। मीडिया वालों ने जब विधायक महबूब आलम से फिर सवाल पूछा तो वे किसी बात पर कुछ भी कहने से इंकार कर गए। बजरंग दल के जिला संयोजक अनीश सिंह ने कहा इस्लामिक कट्टरपंथी और प्रतिबंधित पीएफआई जैसे संगठनों के खिलाफ विधायक कभी नहीं बोलते। लेकिन जो बजरंग दल हर समाज सेवा की गति विधि में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेता है, उसके खिलाफ वो बोलते हैं।