राजधानी पटना में आज शुक्रवार को 70 वीं BPSC सिविल सेवा परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। 70वीं बीपीएससी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन के विरोध में बीपीएससी अभ्यर्थी पटना में गोलबंद हुए थे। पटना के बेली रोड के पास काफी संख्या में जुटे अभ्यर्थी चेयरमैन से मिलने बीपीएससी ऑफिस जा रहे थे। बीपीएससी कार्यालय के पास जैसे ही अभ्यर्थियों का जुलूस पहुंचा, पुलिस ने उनपर लाठी चार्ज कर दिया है। पहले पुलिस ने अभ्यर्थियों को बीच रास्ते में रोकने की कोशिश की। लेकिन अभ्यर्थी इससे और अधिक आक्रोशित हो गए और जबरदस्ती आगे बढ़ने लगे। इसके बाद पुलिस ने अभ्यर्थियों को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस घटना से वहां भगदड़ की स्थिति बन गई। अभ्यर्थियों की मांग थी कि नॉमलाइजेशन लागू नहीं होना चाहिए। वहीं उन्होंने परीक्षा में वन शिफ्ट- वन पेपर की भी मांग की है।
नॉर्मलाइजेशन के विरोध में सड़क पर उतरे छात्र
जानकारी के अनुसार बीपीएससी अभ्यर्थियों के आगे बढ़ने पर पुलिस ने पहले उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन जब अभ्यर्थी नहीं रुके और चेयरमैन से मिलने की बात कही तो पुलिस ने उन्हें जबरन रोकने की कोशिश की। इस दौरान अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई और बवाल मच गया। लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थियों को चोट लगी है। दिलीप नाम के युवक की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं घटना से नाराज अभ्यर्थी पुलिस और बीपीएससी के खिलाफ जमकर अपना विरोध जता रहे हैं। लाठीचार्ज की घटना के बाद से अभ्यर्थी काफी आक्रोशित हैं और दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। बीपीएससी ऑफिस के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है।
मालूम हो कि 70वीं BPSC परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का मुद्दा गरमाया हुआ है। नॉर्मलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे अलग-अलग शिफ्ट में हुई परीक्षा के अंकों को एक समान स्तर पर लाया जाता है। छात्रों का कहना है कि BPSC ने नॉर्मलाइजेशन में गड़बड़ी की है, जिससे उनके परिणाम प्रभावित हुए हैं। छात्र नेता दिलीप ने कहा कि BPSC पूरा मामला क्यों नहीं सुन रहा है? उन्होंने सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने और BPSC से नोटिस जारी करने की भी मांग की। छात्रों का आंदोलन आगे भी जारी रहने की संभावना है। छात्रों की इस मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कल ही मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने छात्रों की मांगे मानने की चेतावनी दी थी।