पटना विश्वविद्यालय द्वारा छात्र संघ चुनाव कराने की घोषणा के बाद भी छात्रों का आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है। केवल अभाविप ने अपना आंदोलन वापस ले लिया। परंतु बाकी छात्र संगठन उग्र हो गए हैं। शुक्रवार को छात्रों द्वारा विवि परिसर में जमकर हंगामे की खबर है। इस दौरान कुछ छात्राओं ने उनके साथ अभद्रता और छेड़छाड़ की भी शिकायत की। दरअसल बीते दिन अनशनकारी छात्रों की तबीयत बिगड़ने के बाद आज शुक्रवार को छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। छात्रों ने विवि में कामकाज ठप कर दिया।
प्रदर्शन स्थल पर छात्रों ने कुलपति द्वारा इस संबंध में जारी लेटर को भी फाड़ दिया। छात्रों का कहना है कि मार्च में चुनाव कराना मामले को लटकाने जैसा है। छात्र फरवरी में चुनाव कराने की मांग पर अड़े हैं। वहीं विवि प्रशासन का कहना है कि चूंकि विश्वविद्यालय की परीक्षाएं जनवरी और फरवरी माह में होने वाली हैं, इसलिए छात्र संघ चुनाव मार्च में ही कराए जा सकते हैं। कुल मिलाकर विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र संगठनों के बीच चुनाव की तारीख को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। इस मुद्दे पर कई दौर की बातचीत भी विफल रही है।
अनशनकारी छात्रों ने कुलपति कार्यालय की ओर से जारी एक पत्र को भी फाड़ दिया, जिसमें छात्रावासों की मरम्मत और चुनाव की तारीख का जिक्र था। विवि प्रशासन ने पत्र जारी कर कहा था कि छात्रावासों की मरम्मत जनवरी 2025 तक पूरी कर ली जाएगी। फरवरी में छात्रावासों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी और मार्च में छात्र संघ चुनाव कराया जाएगा। हालांकि, छात्र संगठन दिसंबर में छात्रावास आवंटन और फरवरी में चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि प्रशासन उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रहा है। अनशन कर रहे छात्रों की हालत बिगड़ती जा रही है, लेकिन प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। उधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विवि का लेटर आने के बाद अपना अनशन समाप्त कर दिया।