बिहार की सियासत में आज राजद ने वह दांव चल दिया, जो नीतीश कुमार की सरकार को बड़ा टेंशन दे सकती है। बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है और आज बुधवार को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने अलग मिथिलांचल राज्य की डिमांड कर सियासी हलचल मचा दी। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया कि राजद ने मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग को लेकर अपनी चुनावी बिसात अभी से बिछानी शुरू कर दी है।
परिषद में नेता प्रतिपक्ष ने क्या कहा
बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने आज सदन में बिहार को तोड़कर अलग मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग को उठाया। मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग को लेकर राबड़ी देवी ने सदन में कहा कि वह लोग मोदी जी को बधाई दे रहे थे कि मैथिली भाषा संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल हुआ है। ठीक है हम भी खुश हैं। शामिल होना चाहिए, लेकिन मिथिला राज्य भी बनाना चाहिए। दरअसल राजद के इस नए दांव के पीछे यह माना जाता है कि केंद्र सरकार ने मिथिलांचल में विकास योजनाओं के लिए अपनी झोली खोल दी है। वहां एक के बाद एक विकास के काम होने से राजद दबाव में है। इसीलिए पार्टी ने अलग राज्य की मांग को लेकर अपना सपोर्ट जता दिया।
1912 में पहली बार उठी थी डिमांड
मिथिला क्षेत्र उत्तर बिहार का इलाका है, जहां मैथिली भाषा बोली जाती है। यहां के लोग लंबे समय से मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं। इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाए तो मिथिला राज्य की मांग पहली बार 1912 में की गई थी। इसके बाद 1921 में महाराजा रामेश्वर सिंह के द्वारा मांग की गई, लेकिन पहली बार मिथिला राज्य के लिए आंदोलन 1952 में हुआ, जिसके बाद से ये मामला बार-बार तूल पकड़ रहा है। आज विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान भाजपा के एमएलसी हरी सहनी ने सदन में मिथिला क्षेत्र को केंद्र की मोदी सरकार से बड़ी सौगात मिलने की बात कही। इस दौरान उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जब वह पीएम थे तभी मैथिलि भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था। इसके बाद अब नरेंद्र मोदी ने मैथिलि में संविधान आया है। यह मिथिला का बड़ा सम्मान है।
राजद पर केंद्र के विकास का दबाव
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी ने अचानक से कहा कि अभी केंद्र और राज्य दोनों जगह आपकी सरकार है। मैथिली भाषियों को चाहिए कि वे अपने लिए अलग राज्य की मांग स्वीकृत करा लें। हालांकि उन्होंने तंज भरे अंदाज में यह टिप्पणी की थी। इसके बाद सदन से बाहर निकलने के बाद एक बार फिर से राबड़ी देवी ने इन्हीं बातों को दोहराया। उन्होंने कहा कि हमने कहा ही है कि मिलजुल कर मिथिला राज्य बना लेना चाहिए। कुछ लोग इस बयान को राबड़ी द्वारा मिथिलांचल को लेकर केंद्र की मोदी और बिहार की नीतीश कुमार की सरकार पर तंज कसना भी कह रहे हैं।