-प्रशासन का ध्यान सिर्फ मोटरसाइकिल सवारों पर, शेष में बेपरवाह
नवादा : जिले में नाबालिग ई-रिक्शा की स्टेयरिंग पकड़ खुद के साथ दूसरे की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। इससे आमलोगों की जान खतरे में है। पुलिस इस खतरे को जान कर भी अंजान बनी है। नाबालिग सड़क पर ई-रिक्शा को लेकर फर्राटा भर रहा है। मार्गों पर इनकी रफ्तार हवा से बातें करने वाली होती हैं। इनके पास न तो लाइसेंस है और न ही वाहन चलाने की परिपक्वता, ऐसे में दुर्घटना होने का भय रहता है।
जिले की सड़कों पर यातायात नियमों का उल्लंघन कैसे होता है, यह बखूबी देखा जा सकता है। नियम-कानून को ताक पर रख जिस तरीके से जिले की सड़कों पर धड़ल्ले से ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं, उससे अब यात्रियों की जान पर बन आई है, साथ ही यातायात व्यवस्था भी खासा प्रभावित हो रहा है। नाबालिगों के हाथों में ई-रिक्शा की कमान होने से दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है। आये दिन दर्जनों ई रिक्शा दुर्घटनाग्रस्त हो रहा है।
जख्मी अस्पताल या निजी क्लीनिक में भर्ती हो रहे हैं बावजूद प्रशासन सिर्फ और सिर्फ मोटरसाइकिल सवारों से जुर्माना वसूल कर अपनी पीठ खुद थपथपा रहा है। एसपी का बयान प्रतिदिन आ रहा है आज इतने वाहनों की जांच की गयी इतने रुपए की वसूली हुई। अब सबसे बड़ा सवाल यह कि पथ दुर्घटना के लिए क्या सिर्फ मोटरसाइकिल चालक ही दोषी है? शेष वाहन क्या दूध का धुला है? अगर नहीं तो सिर्फ मोटरसाइकिल ही जांच और जुर्माना क्यों?
भईया जी की रिपोर्ट