इस बार की कार्तिक पूर्णिमा के बाद ग्रहों की स्थिति में खास बदलाव हुए हैं। इस कारण प्रकृति अपने तेवर बदलेगी। समाज और देश की स्थिति में भी बदलाव आयेगा। ग्रहों की यह चाल मौसम और आपदाओं के कष्टदायक हालात बनाएगी।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार कार्तिक मास के पूर्णिमा यानी 15 नवंबर, 2024 की संध्या से शनि ग्रह अपनी स्वराशि कुंभ में मार्गी होंगे। शनि सूर्य के पुत्र हैं। सूर्य परमब्रह्म के चक्षु है। चक्षु के माध्यम से परमब्रह्म की शक्तियां इस सृष्टि में फैलती हैं, जिससे इस सृष्टि का कार्य संचालित होता है। लेकिन, परमब्रह्म की शक्ति का संधारण तो उनका मन करता है। परमब्रह्म का मन चंद्रमा है जिसकी रश्मियां सूर्यास्त के बाद क्रियाशील होकर प्रकृति को ओज और रस से पूर्ण करती हैं।
माहौल और मौसम दोनों बदलेंगे मार्गी शनि ग्रह
तीन सौ वर्ष बाद यह संयोग बन रहा है कि सूर्य और चंद्रमा के साथ शनि की शक्ति भी संयुक्त होकर सक्रिए हो रही है। वर्तमान समय में मकर, कुंभ तथा मीन राशि की शनि साढ़ेसाती और कर्क एवं वृश्चिक राशि में शनि की ढैया लगी है।
शनि ग्रह की चाल व स्थिति में यह विशेष परिवर्तन उसे न्याय विग्रह की शक्ति प्रदान करता है। इसमें शुभ और अशुभ लक्ष्ण एक साथ प्रकट हो जाते हैं। इसके कारण मौसम की स्थिति में अचानक बदलाव होगा। कुछ क्षेत्रों में अचानक भारी बारिश हो सकती है तो ठण्ड भी अचानक से बढ़ेगी। इस बार ठंड अपने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ डालेगी।
प्राकृतिक आपदाएं व मानवकृत घटनाओं की चिंता
मंगल व् गुरु ग्रह की स्थिति प्रतिकूल होने से शेयर बाजार जैसे कारोबार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। संक्रामक बीमारी दुर्घटनाओं, भूकंप, भूस्खलन अन्य प्राकृतिक आपदाओं के साथ साथ मानवकृत घटनाएं भी चिंता बढ़ायेंगी। भीड़ भाड़ वाले एवं सार्वजानिक स्थलों पर सभी को सावधानी बरतनी होगी। लेकिन, इस सबके बावजूद यह वर्ष भारत के पुरूषार्थ में एक नया आयाम जोड़ेगा।
राम-सीता विवाह और निशाचर विहिन धरती
ग्रहों के ऐसे ही संयोग वाले काल में श्रीराम—सीता का विवाह हुआ था। सामान्य लोगों के अनुसार भगवान श्रीराम और माता सीता का वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं था। लेकिन इसके बाद भी ग्रहों के इसी संयोग जैसे काल में सम्पूर्ण पृथ्वी निशाचर विहिन भी हो गयी थी। गोचर में शनि के मार्गी होने से कुछ राशियों को फायदा, तो अन्य राशि वाले जातक को परेशानी होगीे?
अलग-अलग राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव?
मेष : सबसे पहले बात करते हैं मेष राशि की। इस राशि वाले लोगों की तरक्की होगी। आर्थिक लाभ, लाभकारी परिवर्तन, रुके काम बनेंगे, नए कार्यों में सलंग्नता, चल रही समस्याओं का समाधान होगा।
वृष : वहीं वृष राशि वालों को अतिरिक्त प्रभार मिलने की संभावना है। साथ ही पहले किए गए कार्यों की वाहवाही, भाग्य का साथ, नए संबंध संपर्क, नये जगह की यात्रा, नयी खरीदारी, मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
मिथुन : मिथुन राशि वालों के बिगड़े काम बनेंगे, छोटी और लंबी यात्रा, कार्यस्थल या कार्य की प्रकृति में परिवर्तन, घर में ऋण का लेन देन, स्वास्थ्य समस्या लगी रहेगी।
कर्क : कर्क राशि वालों को स्वास्थ्य एवं वैवाहिक संबंधों में अस्थिरता का सामना होगा। इसके अलावा महत्वपूर्ण कार्य में अवरोध, गलत निर्णय आदि से परेशानी होगी।
सिंह : नई साझेदारी, निवास कार्यस्थल में परिवर्तन, मरम्मत, स्वास्थ्य के नाम पर खर्च, पारिवारिक सामंजस्य, अतिरिक्त प्रयास से बड़े काम बनेंगे।
कन्या : इस राशि वालों को विवादित मामलों में सफलता, कर्ज एवं रोग से मुक्ति, कार्यक्षेत्र में लाभकारी परिवर्तन और उनके बारे में लगाए गए पूर्वानुमान सही होंगे।
तुला : तुला राशि वालों को आर्थिक लाभ, नए कार्य में सलंग्नता, शैक्षणिक कार्यों में सफलता, अचानक धन लाभ, रुके काम बनेंगे, जीवन स्तर में सुधार, संतान पक्ष से शुभ समाचार मिलेंगे।
वृश्चिक : स्वास्थ्य, मरम्मत एवं निर्माण कार्य पर खर्च, कार्यस्थल या कार्य की प्रकृति में परिवर्तन का संयोग है। रिस्क कार्य एवं विवाद से परहेज जरूरी होगा। बुजुर्ग तथा जरूरतमंदों की मदद करें, इससे लाभ होगा।
धनु : छोटी लंबी यात्रा, मान सम्मान में वृद्धि, नई खरीदारी, नए कार्य में सलंग्नता, छोटे भाई बहन के लिए शुभप्रद, रचनात्मक कार्यों में सफलता, रुके कार्य पूरे होंगे।
मकर : आर्थिक तरक्की, घर में मांगलिक कार्य, चल – अचल संपत्ति की खरीद – बिक्री, लाभकारी संबंध, रुके कार्य में प्रगति, नए कार्य में पूंजी निवेश।
कुंभ : स्वास्थ्य कार्यक्षेत्र में लाभकारी परिवर्तन किंतु संबंध में अस्थिरता, कार्य प्रभार एवं प्रभाव में वृद्धि, बिगड़े काम बनने, नयी साझेदारी।
मीन राशि : विवाद, स्वास्थ्य एवं मरम्मत पर खर्च, अवांछित परिवर्तन, संबंध में शुभ-अशुभ दोनों समाचार, पुरानी बीमारी का समाधान, सभी मामलों में संयम लाभप्रद।