बाढ़ : पावन छठ व्रत को लेकर एसडीएम शुभम कुमार,एएसपी प्रथम राकेश कुमार,सीओ डॉ०नरेंद्र कुमार सिंह,थानाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह एवं चेयरमैन संजय कुमार उर्फ गायमाता ने संयुक्त रूप से अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर घूम – घूम कर निरीक्षण किया और छठ व्रतियों के सुविधाओं के लिये पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश सरकारी कर्मियों को दिया।
बिहार का लोकप्रिय पर्व छठ पूजा की तैयारी को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, अंचल अधिकारी, थानाध्यक्ष एवं नगर परिषद चेयरमैन ने कई अनुमण्डल सरकरिकर्मी सहित नगर परिषदकर्मीयों के साथ अनुमण्डल क्षेत्र अंतर्गत सभी दस छठ पूजा घाटों मेंह सुविख्यात उमानाथ मंदिर के पूर्वी एवं पश्चिमी घाट,अलखनाथ मंदिर-घाट, गौरी-शंकर मंदिर-घाट, बनारसी घाट,बाल शनि मंदिर सीढ़ी घाट,संगत घाट,पीपल तल घाट,छोटू घाट,पोस्ट ऑफिस घाट, खान साहब घाटों आदि का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया।
उक्त पदाधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान छठव्रतियों द्वारा अस्ताचलगामी एवं उदयाचलगामी भगवान श्रीसूर्यनारायण को अर्घ्य देने तथा पूजा-अर्चना के लिये घाटों की पर्याप्त साफ-सफाई, घाटों पर मजबूत बैरिकेटिंग, अस्थाई शौचालय, कपड़ा बदलने के लिये रूम, रोशनी की व्यवस्था एवं छठ घाटों तक जाने वाली रास्ते की मरम्मती करने इत्यादि की व्यवस्था करने का आवश्यक निर्देश सभी सरकारीकर्मी एवं नगर परिषद कर्मियों को दिया गया है।
वहीं, अनुमंडल पदाधिकारी श्रीकुमार ने कहा कि छठ महापर्व के मद्देनजर उमानाथ मंदिर-घाट पर अर्घ्य के दिन एसडीआरएफ की टीम प्रतिनियुक्त रहेगी जो सभी घाटों तक लगातार गश्त करते रहेगा और इसके अतिरिक्त सभी घाटों पर गोताखोर,नाविक की व्यवस्था भी किया जायेगा एवं सभी मुख्य घाटों पर मेडिकल टीम की भी व्यवस्था रहेगा। इसके अलावा सभी घाटों पर विधि-व्यवस्था संधारण हेतु वरीय दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल के साथ-साथ समन्वयक की भी प्रतिनियुक्ति अनुमंडल स्तर से किया जाएगा।
छठ घाटों के रास्ते में पड़ने वाले सभी बिजली के तारों को दुरुस्त करने के लिये बिजली विभाग से पत्राचार भी किया गया है।ज्ञात हो कि कुछैक लोगों द्वारा अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिये पदाधिकारियों को गुमराह किये जाने के कारण अच्छे लोगों को दरकिनार किये जाने से संवाद हीनता होने से राज्य सरकार की विकासात्मक गतिविधियों के प्रचार-प्रसार में काफी बाधित होता है,जो काफी खेद का विषय है। एनडीए की विकसित भारत बनने का आलम यह है कि पदाधिकारियों द्वारा सरकारी विकास की गतिविधियों की सूचना देने से भी मीडियाकर्मियों को वंचित कर दिया गया है और इस पर सरकार गंभीर नही है।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट