-न्यायालय से लेकर हर कोई परेशान
नवादा : पुलिस अधीक्षक का नियंत्रण थानाध्यक्षों पर नहीं रहा। हालात यह कि:- खाता न बही, जो थानेदार कहे वही सही वाली स्थिति से न्यायालय से लेकर हर कोई परेशान है। आबाज उठाने वालों को प्रताड़ित किया जा रहा है। न्यायालय थानाध्यक्षों की कार्यशैली से परेशान जुर्माना पर जुर्माना पर लगाये जा रही लेकिन पुलिस अधीक्षक के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। न्याय के लिए पीड़ितों को आमरण अनशन तक करना पड़ रहा है।
थानाध्यक्षों के कार्यकलापों से पुलिस महकमा शर्मशार हो रहा है। लेकिन कार्यकलापों में सुधार आने के बजाय और हालात बिगड़ती जा रही है। पूरे सिस्टम में जंग लग गया है। पकरीबरावां के महादलित मुकेश मांझी का पुलिस के विरुद्ध न्याय के लिए समाहरणालय के पास आमरण-अनशन के लिए बैठना इसका ज्वलंत उदाहरण है। आश्चर्य यह कि पूर्व सूचना के बावजूद प्रशासन के किसी अधिकारी ने आमरण अनशन आरंभ करने के पूर्व बात करना तक उचित नहीं समझा। उल्टे पुलिस की करतूतों पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में आमरण अनशन का परिणाम क्या होता है इसका इंतजार हर किसी को रहेगा।
भईया जी की रिपोर्ट