बाढ़ : कुश्ती तथा नाट्यकला की शताब्दियों पुरानी गौरवशाली परंपरा से समृद्ध पटना ज़िले के प्रखंड मुख्यालय ग्राम पंडारक में दुर्गापूजा के अवसर पर आयोजित चार दिवसीय विराट कुश्ती दंगल तथा छह दिवसीय वार्षिक नाट्य महोत्सव का समापन मंगलवार को बड़ी एवं छोटी दुर्गा माता की प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ हो गया। एक ओर कुश्ती के दंगल में पंडारक के प्रतिभाशाली पहलवानों के अतिरिक्त हरियाणा,दिल्ली,वाराणसी, अयोध्या, बेगूसराय, भागलपुर, कैमूर सहित देश एवं प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आये पुरुष तथा महिला पहलवानों ने अपनी भागीदारी से दर्शकों को भरपूर आनंद प्रदान किया।
वहीं 10 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक दो स्थायी रंगमंचों पर पांच अलग-अलग नाट्य संस्थाओं द्वारा कुल 11 नाटकों का मंचन किया गया। मंगलवार की रात पूर्वांचल दुर्गा पूजा समिति, पंडारक के रंगमंच पर नाट्यसंस्था ‘किरण कला निकेतन’ द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की मूल रचना पर आधारित तथा अमित कुमार द्वारा नाट्य रूपांतरित खंडकाव्य ‘रश्मिरथी’ का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया।रश्मिरथी नाम कर्ण को दिया गया है, जिसका अर्थ है सूर्यकिरण रूपी रथ का सवार।
इस नाटक में कर्ण के चरित्र के सभी पक्षों का सजीव चित्रण किया गया है। नाटक में गुरु-शिष्य सम्बन्ध, अविवाहित मातृत्व,धर्म तथा छल-प्रपंच के बहाने सारे सामाजिक और पारिवारिक सम्बन्धों को नये सिरे से जांचा गया है। शिवकुमार शर्मा द्वारा निर्देशित इस नाटक में कर्ण की भूमिका को रविशंकर शर्मा तथा कृष्ण की भूमिका को डॉ०रविशंकर ने अपने शानदार अभिनय से जीवंत कर दिया।परशुराम के रूप में शिवकुमार शर्मा,द्रोणाचार्य के रूप में रविशंकर रकटू तथा कुंती के रूप में उज्ज्वला गांगुली ने अपने आकर्षक अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया।
इन्द्र के किरदार को संजय जायसवाल,अर्जुन के किरदार को गुरूशरण,धृतराष्ट्र के किरदार को संजय सिंह, दुर्योधन के किरदार को अभिषेक तथा भीम के किरदार को हर्षित ने भी बखूबी निभाया। ‘हिन्दी नाटक समाज’ के रंगमंच पर रमेश शर्मा के निर्देशन में सतीश डे लिखित नाटक ‘संयोग’ का सफल मंचन किया गया। इस नाटक के विभिन्न पात्रों को निभाने वाले कलाकारों में क्रमशः बालम- प्रियरंजन कुमार, प्रीतम-ऋषि राज, नरेश-जवाहर राम, कालेशाह-संजय उपाध्याय, सरदार-रामानुज सिंह एवं मंजूबाला-कुमारी काजल ने स्तरीय अभिनय की प्रस्तुति की तथा अन्य पात्रों में सुनील कुमार उपाध्याय तथा रौशन कुमार ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ अभिनय किया।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट