बाढ़ : एक शताब्दी से भी अधिक अपनी पुरानी नाट्य कला परंपरा को समृध्द बनाये रखने के लिये चर्चित पंडारक किरण कला निकेतन के कलाकारों ने ” त हम कुंवारे रहें और सवा सेर गेहूं ” का सफल मंचन कर दर्शकों का मन मोह लिया तथा दर्शकों को खूब हंसाया।
बाढ़ अनुमंडल के पंडारक प्रखंड मुख्यालय के ग्राम पंडारक में दुर्गा पूजा के अवसर पर इस बार भी नाट्य का मंचन किया गया और बिहार की चर्चित नाट्य संस्था ” किरण कला निकेतन ” ने पूर्वांचल दुर्गा पूजा समिति, पंडारक के रंगमंच पर शिवकुमार शर्मा के कुशल निर्देशन में दो सफल नाट्य प्रस्तुतियां की गयी तथा प्रथम प्रस्तुति के रूप में सतीश चंद्र मिश्र लिखित हास्य नाटक “त हम कुंवारे रहें” में ज्ञानगुण सागर की भूमिका को अभिषेक ने अपने स्वाभाविक अभिनय से जीवंत कर दर्शकों को हंसाते-हंसाते लोट-पोट कर दिया एवं तीन लोक उजागर के रूप में शिवकुमार शर्मा, वीर विक्रम बजरंगी की भूमिका में ब्रजेश, समधी की भूमिका में संजय सिंह, ग्रामीण की भूमिका में दीपक तथा धूर्तानंद की भूमिका में डॉ०रविशंकर ने अपने-अपने जीवंतअभिनय से नाट्य-मंचन को पूर्णतः सफल बनाया।
इस हास्य नाटक के बाद किरण कला निकेतन ने मुंशी प्रेमचंद की कहानी “सवा सेर गेहूं” का सफल मंचन किया तथा इस नाटक में पंडित की भूमिका में रविशंकर शर्मा, शंकर की भूमिका में शिवकुमार शर्मा,बुधनी की भूमिका में उज्ज्वला गांगुली, लालू की भूमिका में संजय जायसवाल तथा नन्हका की भूमिका में केशव ने अपने उत्कृष्ट अभिनय से उपस्थित सैकड़ों नाट्यप्रेमी दर्शकों का दिल जीत लिया। संगीत संयोजन ब्लू आनंद,दिलीप मिस्त्री तथा वाणासुर ने किया। इस अवसर पर रमेश प्रसाद सिंह,रामानंद शर्मा,अमित कुमार सहित किरण कला निकेतन नाट्य संस्था के समस्त पदाधिकारी उपस्थित थे।सर्वविदित है कि पंडारक के सर्वाधिक पुरानी नाट्य संस्था “किरण कला निकेतन” के कलाकारों द्वारा हर बर्ष विजयादशमी के बाद से पूर्णिमा तक कई नाटकों का मंचन किया जाता है।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट