नवादा : जिले में सर्वे कार्य की रफ्तार काफी धीमी गति से चल रही है। ऐसा रैयतों के पास कागजातों की कमी के कारण हो रहा है। हर जमीन मालिक के पास बस एक कागजात की कमी पड़ रही है। वह है दाखिल-खारिज की। दरअसल, कई जमीन मालिकों को खाता खेसरा में हुई गड़बड़ी को लेकर अंचल कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है। दूसरी ओर, बिचौलिए भी पीछे से दौड़ लगा रहे हैं।
खतियान की नकल प्राप्त करने के लिए वे नवादा में अभिलेखागार का लगातार आवाजाही कर रहे हैं। ऐसे में बिचौलियों की भाग दौड़ बढ़ गई है। जो रैयत खुद भाग दौड़ नहीं करना चाहते हैं, उनका अंचल कार्यालय से लेकर डीसीएलआर या फिर उपसमाहर्ता स्तर के कार्य को बिचौलियों द्वारा आसानी से करवा लेने की बात सामने आ रही है।
दूसरी ओर, ग्रामीण क्षेत्रों के संयुक्त परिवारों द्वारा अपनी जमीन को पंचायती के माध्यम से बंटवारा कर अखौता (अलग-अलग भूमि की सूची) तो बना लिया गया है, लेकिन दाखिल खारिज नहीं करवाने के कारण उनको परेशानी हो रही है। अंचल कार्यालयों में आवेदन के बाद कोई न कोई कमी बता कर दाखिल वाद को अस्वीकृत कर दिया जा रहा है।
बेवजह लोगों को किया जा रहा परेशान
इस बाबत ग्रामीण रैयत अशोक सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन में से कुछ भाग अपनी पत्नी मीना देवी के नाम स्थानांतरित करने का आवेदन करीब चार माह पहले दिया था। जिसे बेवजह अस्वीकृत कर परेशान किया जा रहा है।
वहीं, दर्जनों किसानों की रैयती भूमि का डेटा अपडेट (परिमार्जन) नहीं हुआ है। ऐसे में रैयत कर्मचारियों के द्वारा बहाल निजी सचिवों के निकट हाजरी लगा रहे हैं। यही कारण है कि जिले में सर्वे के पूर्व मांगे गये कागजातों की कमी के कारण सर्वे कार्य मंथर गति से चल रहा है। दूसरी ओर बिचौलियों की चांदी कट रही है तो राजस्व कर्मचारी ऐसे रुहपोश हो गये हैं जैसे गदहे से सिंग गायब रहता है।
भईया जी की रिपोर्ट