पटना : कुशल राजनीतिकार से नेता बने जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मैं कई बार से इस बात को कह रहा हूं कि लोगों के बीच में ये छवि बन गई है कि भाजपा सरकार में चुनाव आयोग अपना काम स्वायत्त रूप से करने की बजाए केंद्र सरकार के एक विस्तारित अंग की तौर पर काम कर रहा है। चुनाव आयोग के पास अपना निर्णय लेने में संकोच होता है।
आगे उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार में चुनाव आयोग राज्यों के चुनाव में भी केंद्र सरकार के मुताबिक ही अपने निर्णय लेता है। बंगाल चुनाव का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल चुनाव के दौरान जब मैं वहां काम कर रहा था तब भी मैंने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए थे। आयोग की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल निश्चित रूप से सही है। देश में चुनाव आयोग का कोई मतलब नहीं रह गया है।
मालूम हो कि देश भर में चुनाव आयोग को लेकर सियासत होती रही है। विपक्ष के द्वारा evm और चुनाव आयोग के कार्यशैली को लेकर सवाल खड़ा किया जाता रहा है। साथ ही बिहार के राजनीतिक दल भी सवाल उठाते रहे हैं। इसी बीच चुनावी रणनीतिकार व जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने भी चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर प्रश्न चिन्ह लगाया है। ऐसे में प्रशांत किशोर के बयान पर आयोग क्या कहता है यह तो वक्त ही बताएगा।