-पुलिस ने माना शराब माफियाओं से चौकीदार की है मिलीभगत
नवादा : भैया जी की खबर पर पुलिस ने ख़ुद मुहर लगाई है। मामले पर संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। मामला रजौली थाना से जुड़ा है। पीछले 10 सितम्बर को चौकीदार व शराब माफिया के बीच हुई बातचीत का आडियो भैया जी के हाथ लगा था। उक्त आडियो से स्पष्ट हो रहा था कि शराब माफियाओं की मिलीभगत से पुलिस व चौकीदारों से है। पूर्व में भी इस प्रकार की शिकायतों के आधार पर संवाद प्रकाशित किया जाता रहा था लेकिन सबूत हाथ नहीं लग रहा था। सबूत मिलते ही आडियो के साथ खबर सुर्खियों में आते ही पुलिस की किरकिरी आरंभ हो गयी।
चूंकि आडियो में स्पष्ट था कि झारखंड राज्य डोमचांच के शराब माफिया को थाने से भी बुलाहट हुई थी, लेकिन चौकिदार थाना जाने से मना कर रहा था। पुलिस की जब किरकिरी होनी शुरू हुई तब पुलिस कप्तान चौकीदार मनोज कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय पुलिस केन्द्र नवादा बनाया गया है जहां उन्हें प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज करानी है। जांच की जिम्मेदारी रजौली थानाध्यक्ष को सौंपी गयी है। वैसे पूर्व में भी रुपये लेकर शराब समेत गिरफ्तार आरोपी को छोड़ने का आरोप लगा था लेकिन तब अफवाह बताकर पुलिस ने क्लीनचिट दे दिया था।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह कि चौकीदार के विरुद्ध जांच का आदेश थानाध्यक्ष को क्यों? यह तो वही बात हुई दूध की रखवाली बिल्ली को? आडियो के आधार पर थानाध्यक्ष के विरुद्ध जांच क्यों नहीं? यह तो हुई बड़ी मछली छोटी मछली को खाने वाली बात। इससे पुलिस के दामन पर लगी दाग धुल जायेगी क्या? बहरहाल आखिरकार पुलिस ने कम से कम यह तो माना कि शराबबंदी को विफल करने में थाने के चौकीदार व दलालों की भूमिका अहम है।
बता दें पीछले एक सप्ताह के अंदर भैया जी की तीन खबरों पर न केवल मुहर लगी बल्कि जिला प्रशासन व पुलिस को कार्रवाई करने पर वाध्य होना पड़ा। रजौली एसडीओ को फर्जी श्रमिक संगठन के नाम मेसकौर के रसलपुरा पीडीएस अनुज्ञप्ति को रद्द करना पड़ा तो कौआकोल बीडीओ को उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाइजवारा के फर्जी प्रमाण पत्र पर कार्य कर रहे शिक्षक उज्जवल कुमार आजाद की नियुक्ति को रद्द करने पर विवश होना पड़ा। इसे कहते हैं निष्पक्ष पत्रकारिता।
भईया जी की रिपोर्ट